सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद मनोज तिवारी को एक हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। दिल्ली में सीलिंग के मामले में शीर्ष अदालत ने तिवारी के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने भाजपा सांसद मनोज तिवारी को निर्देश दिया कि वह दिल्ली में सीलिंग के मुद्दे पर एक न्यूज चैनल से बातचीत में किए गए दावों पर स्पष्टीकरण दें। गौरतलब है कि मनोज तिवारी पर कथित रूप से नगर निगम द्वारा सील किए गए मकान का ताला तोड़ने का आरोप है।
गोकलपुरी इलाके में एक सीलबंद घर का ताला तोड़ने के आरोप में सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ पिछले मंगलवार को एफआईआर दर्ज की गई थी। तिवारी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 और दिल्ली नगर निगम (डीएमसी) अधिनियम के 461 और 465 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उत्तर-पूर्व दिल्ली में कथित तौर पर दिल्ली मास्टर प्लान का उल्लंघन करते हुए एक घर को डेयरी को रूप में इस्तेमाल किए जाने पर उसे सील कर दिया गया था।
पिछले सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि यह “दुर्भाग्यपूर्ण” है कि एक निर्वाचित प्रतिनिधि ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन करने की कोशिश की थी।