नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों के विरोध में दिल्ली के साथ गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, सोनीपत, गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी भारत बंद का मिला-जुला असर देखने का मिल रहा है। दिल्ली से सटे यूपी और हरियाणा के शहरों में कांग्रेस, रालोद और सपा कार्यकर्ताओं ने सुबह बाजारों में घूमकर दुकानें बंद कराई।
गाजियाबाद में कम दिखा असर
कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के नेता और कार्यकर्ताओं ने गाजियाबाद में दिल्ली गेट, डासना गेट, सिहानी गेट और घंटाघर तक रैली निकाली और भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया। इस दौरान व्यापारियों को दुकानें नहीं खोलने दी गई। वहीं, दिल्ली के पूसा रोड पर भारत बंद के दौरान दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन व अन्य नेता प्रदर्शन करते नजर आए।
दिल्ली से सटे फरीदाबाद में पूर्व संसदीय सचिव शारदा राठौर अपने समर्थकों के साथ बंल्लभगढ़ मे नेशनल हाइवे पर बैठ गईं। भारी भीड़ होने की वजह से हाइवे का ट्रैफिक प्रभावित हुआ।
भारत बंद के दौरान दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने सोमवार को दिल्ली की सड़कों पर उतरकर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान कांंग्रेस कार्यकर्ता भैंसा बुग्गी पर मोटरसाइकिल लादकर पहुंचे और पेट्रोल में बेतहाशा वृद्धि को गलत बताया। आम आदमी पार्टी (AAP) ने पहले पेट्रोल वृद्धि पर विरोध को जायज बताते हुए, भारत बंद में शामिल न होने की बात कही थी। AAP का कहना था कि इससे आम लोगों को काफी परेशानी होती है। हालांकि सोमवार को आप भी कांग्रेस के भारत बंद में शामिल हो गई। दिल्ली में भारत बंद के दौरान आइटीओ समेत कई जगहों पर भीषण जाम लग गया।
वहीं, दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस बंद का विरोध किया था, लेकिन पार्टी की नेता आतिशी भारत बंद में शामिल हुईं। उन्होंने वामपंथी नेता सीताराम येचुरी के साथ भारत बंद में शामिल होकर पेट्रोल-डीजल में हो रही लगातार बढ़ोतरी का विरोध करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इससे पहले AAP ने रविवार को ही स्पष्ट कर दिया था कि वह कांग्रेस द्वारा बुलाए गए सोमवार के भारत बंद में शामिल नहीं होगी।
कई कारोबारी संगठनों ने कांग्रेस के बंद से बनाई दूरी
दिल्ली में पेट्रोल के 80 रुपये प्रति लीटर के पार जाने के बीच पेट्रो पदार्थो में मूल्य वृद्धि के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को भारत बंद का आह्वान किया है। इसका दिल्ली में मिलाजुला असर रहने की संभावना है, क्योंकि व्यावहारिक दिक्कतों को देखते हुए कई कारोबारी संगठनों ने बंद में शामिल होने से इन्कार किया है। कारोबारी संगठनों के मुताबिक एक तो बंद की घोषणा बिना कारोबारी संगठनों के विश्वास में लिए की गई है, दूसरे इसे लेकर खुद कांग्रेस पार्टी के भीतर अनिच्छा का भाव देखा जा रहा है।
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के बाद शनिवार को एक अन्य कारोबारी संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) ने भी बंद में शामिल न होने की घोषणा की है। इसके पहले सदर बाजार, कनॉट प्लेस, चांदनी चौक जैसे बाजारों के कारोबारी संगठनों ने भी बंद में शामिल न होने का फैसला लिया है। कारोबारी संगठन त्योहारी मौसम को लेकर भी पशोपेश में हैं। इस बारे में नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा कि पेट्रो पदार्थो में मूल्य वृद्धि के खिलाफ विपक्ष के आंदोलन का दुकानदार समर्थन करते हैं, क्योंकि यह जनता के हित में है, लेकिन इतने कम समय में सभी दुकानदारों को एकजुट करना काफी मुश्किल है।
दिल्ली में पेट्रोल रहा 80 रुपये के पार
बता दें कि एक ओर जहां दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों का भारत बंद जारी है, वहीं सोमवार को पेट्रोल-डीजल के दाम फिर बढ़ गए। दिनोंदिन नया कीर्तिमान बनाने वाला पेट्रोल सोमवार को 80.73 रुपये प्रति लीटर में बिके रहा है, जबकि रविवार को यह 80.38 रुपये पर बिका। राजनीतिक दलों व उपभोक्ताओं द्वारा हायतौबा मचाए जाने के बावजूद यह 35 पैसे प्रति लीटर बढ़ा है। रविवार को ही इसने 80 रुपये प्रति लीटर से आगे की छलांग लगाई थी। 7 सितंबर को यह 79.99 रुपये प्रति लीटर में बिका था। डीजल के दाम में भी 32 पैसे का उछाल आया है। सोमवार को यह 72.83 प्रति लीटर हो गया है, जबकि रविवार को यह 72.51 प्रति लीटर बिका।