देहरादून,: मौसम के तेवरों से उत्तराखंड सहमा हुआ है। शनिवार रात से शुरू हुआ बारिश सिलसिला रुक-रुक कर जारी है। नदी-नालों में उफान के कारण कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। ऋषिकेश में गंगा ने सोमवार को प्रातः 8 बजे चेतावनी रेखा पर बह रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के पूर्वानुमान के अनुसार अगले 24 घंटे भी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। उत्तरकाशी में भूस्खलन के कारण गंगोत्री हाईवे तीन घंटे बंद रहा। उत्तरकाशी लंबगांव मार्ग सुबह से दो स्थानों पर बंद है। यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट, जंगल चट्टी, हनुमान चट्टी के पास भूस्खलन होने से पिछले 17 दिन से बंद है। चमोली में बदरीनाथ हाईवे लामबगड़ में आज सुबह 8.25 बजे खुल पाया। भागीरथी नदी का जल स्तर चेतावनी तल से एक मीटर नीचे बह रहा है। जिला मुख्यालय सहित भटवाडी, डुंडा, बडकोट, पुरोला, नौगांव, मोरी में हल्की बारिश हो रही है।
विधायक गणेश जोशी का पैर फिसला, घायल
देहरादून में रिस्पना नदी के किनारे आर्यनगर में राजीव नगर पुल के पास अत्यधिक नुकसान का जायज़ा लेने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट एवं मसूरी विधायक गणेश जोशी मौके पर पहुंचे। इस दौरान विधायक जोशी का पैर फिसल गया और वह घायल हो गए। कमर में दर्द की शिकायत के कारण उन्हें दून अस्पताल ले जाया गया।
डोईवाला में नदी में बही कार
डोईवाला में थानो-भोगपुर मार्ग जाखऩ नदी के पास मुख्य मार्ग पर बने रपटे में पानी के तेज बहाव के चलते एक कार नदी में बह गई। कार में सवार शाहदरा नई दिल्ली निवासी अमित अग्रवाल, अजय, सचिन वर्मा, संदीप कुमार आदि 4 लोगों को एसडीआरएफ की टीम की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन करके निकाला गया। रानीपोखरी पुलिस ने बताया कि घटना रात की है। मौके पर जाकर पानी कम होने पर कार को नदी से बाहर निकाला जाएगा।
रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर भी सफर हुआ खतरनाक
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे के बाद अब रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर भी सफर खतरनाक हो गया है। जगह जगह पत्थर गिरने से दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। लगातार हो रही बारिश से रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर अतिसंवेदनशील (कनवाड़ी, भुजान, पातली, बजोल आदि तमाम) स्थानों पर पहाड़ी से रुक-रुक कर पत्थरों के गिरने का सिलसिला बढ़ गया है। वहीं स्टेट हाईवे से बेतालघाट ब्लॉक के वर्धा, रतौड़ा, नैनीचैक आदि तमाम गांव को जोड़ने वाला शहीद बलवंत सिंह भुजान वर्धों मोटर मार्ग बीती रात से बंद है। रातीघाट बेतालघाट, खैरना सिल्टोना, हली हरतपा, भुजान रिची मोटर मार्ग पर भी जगह जगह पहाड़ी दरकने से पत्थर गिर रहे हैं।
चार धाम यात्रा मार्गों पर मलबा गिरने का सिलसिला जारी
पहाड़ों में बारिश के बीच मलबा आने से सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। प्रदेश में 100 से ज्यादा सड़कों पर आवागमन बाधित है। केदारनाथ, बदरीनाथ और गंगोत्री हाईवे पर भूस्खलन से यात्रा में बाधा पड़ रही है।
रामनगर में दो कार बहीं
कुमाऊं के पिथौरागढ, अल्मोड़ा और नैनीताल समेत विभिन्न जिलों में बारिश का दौर थम नहीं रहा है। सड़कें क्षतिग्रस्त हैं और शहर जलभराव से जूझ रहे हैं। पिथौरागढ़ और गूंजी में आज भी कैलास मानसरोवर यात्रियों को रवाना नहीं किया जा सका। नैनीताल जिले के रामनगर में बरसाती नदी में एक कार बह गई, हालांकि ग्रामीणों ने कार में सवार चार युवकों को बचा लिया गया। एसडीएम परितोष वर्मा ने बताया कि संवदेनशील स्थानों पर बचाव दल तैनात किए गए हैं।
अगले 24 घंटे अति संवेदनशील
मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे अति संवेदनशील हैं। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि सोमवार से मंगलवार दोपहर तक देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी, चमोली, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और पिथौरागढ़ में भारी से भारी बारिश की आशंका है। चेतावनी को देखते हुए प्रदेश में सोमवार को स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है।
मूसलाधार बारिश से नदी-नाले उफान पर
देहरादून शहर एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में करीब 24 घंटे की मूसलाधार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं और जनजीवन प्रभावित है। मसूरी में लगातार बारिश से सर्दी का अहसास होने लगा है। रविवार को मसूरी का न्यूनतम तापमान 15.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो प्रदेश में सबसे कम है।
पांच डिग्री सेल्सियस गिरा पारा
पिछले 48 घंटे से लगातार बारिश से दून के अधिकतम तापमान में पांच डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई। रविवार को दून का अधिकतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 23.6 डिग्री सेल्सियस रहा। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान में केवल 1.8 डिग्री सेल्सियस का अंतर है। अधिकतम तापमान में ज्यादा गिरावट आने के बारे में महात्मा गांधी नेत्र चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. प्रवीण पंवार ने कहा कि इस तरह के तापमान में फ्लू, एलर्जी, वायरल बुखार के मामले बढ़ जाते हैं।
मसूरी में दृश्यता हुई कम यातायात प्रभावित
पिछले करीब चौबीस घंटे से मसूरी में बारिश जारी है। इससे जहां तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है, वहीं बादल और कोहरे के कारण दृश्यता भी बेहद कम हो गई है। माल रोड समेत अन्य बाजारों में भी दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। दृश्यता कम होने से वाहनों चालकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा और यातायात प्रभावित रहा।