पटना । उत्पाद अधिनियम के उल्लंघन में पकड़े गए वाहनों को छोडऩे के मामले में पटना हाईकोर्ट ने बुधवार को एक कड़ी और जोड़ दी। नशे की हालत में यदि किसी व्यक्ति के वाहन को पकड़ लिया गया है तो उसे अब बिना किसी शर्त पर रिलीज करना होगा। बशर्ते पकड़ी गई गाड़ी मादक द्रव्य अथवा शराब के कारोबार में संलिप्त नहीं रहा हो।
मालूम हो कि पुलिस संशोधित उत्पाद अधिनियम के दायरे से बाहर जाकर नशे में वाहन चलाने वालों की गाड़ी जब्त कर कॅन्फिस्टिकेशन केस शुरू कर देती थी।
मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन एवं न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद ने पंचदेव लाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार के अपने आदेश को और स्पष्ट कर दिया। खंडपीठ ने कहा कि जब नशे की हालत पकड़े गये ऑनर की गाडिय़ों को जब्त करना ही गलत था तो उसे छोडऩे के लिए शर्त लगाने का औचित्य नहीं है।
बताते चलें कि अभी तक वाहनों को रिलीज कराते समय निजी मुचलके एवं बैंक गारंटी की जरूरत पड़ती है। साथ ही गाडिय़ों पर केस चलता रहता था।
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद हजारों गाडिय़ां रिलीज हो जाएंगी। याचिकाकर्ता पंचदेव का कहना था किउनके भाई व उसके दोस्त को गोपालगंज में नशे की हालत में उनकी हीरोहोंडा मोटर साइकिल चलाते पकड़ा गया था। दोनों की जमानत तो हो गई लेकिन उनके वाहन को जब्त कर लिया गया। अदालत ने बिना किसी शर्त उनकी मोटर साइकिल को रिलीज करने का आदेश दिया।