लखनऊ । भ्रष्टाचार के मामलों में जल्द कई बड़ों पर पुलिस का शिकंजा कसेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सतर्कता अधिष्ठान समेत अन्य जांच एजेंसियों में शासन के स्तर पर लंबित प्रकरणों को दो माह में निस्तारित कर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई का कड़ा निर्देश दिया है। शास्त्री भवन में जांच एजेंसियों के कामकाज की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता हों या अफसर, उनके खिलाफ कार्रवाई में कोई शिथिलता न बरती जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव से पहले कई बड़ों पर शिकंजा कसे जाने का संकेत भी दे दिया है।
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि शासन स्तर पर जिन मामलों में अभियोजन स्वीकृति, मुकदमा दर्ज करने की अनुमति अथवा अन्य कार्रवाई लंबित है, उन्हें प्राथमिकता पर दो माह के भीतर निपटाया जाए। बताया गया कि सतर्कता अधिष्ठान, ईओडब्ल्यू, सीबीसीआइडी, एंटी करप्शन, एसआइटी सहित अन्य जांच एजेंसियों में ऐसे करीब 400 से अधिक मामले लंबित हैं। इसे लेकर मुख्यमंत्री ने नाराजगी भी जताई। मुख्यमंत्री ने जून माह में ऐसे मामलों के निस्तारण के लिए मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स को संबंधित विभागों से समन्वय बनाकर लंबित कार्रवाई को निपटाने का निर्देश दिया।
कहा कि टास्क फोर्स अपनी मानीटरिंग में कार्रवाई कराए और उन्हें रिपोर्ट दी जाए। जांच एजेंसियों के स्तर पर लंबित मामलों को भी शीघ्रता से निपटाया जाए। उल्लेखनीय है कि शासन स्तर पर लंबित मामलों में कई नेताओं, पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों के अलावा आइएएस, आइपीएस, पीसीएस, पीपीएस के अलावा अन्य संवर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों के नाम शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने जांच एजेंसियों के प्रमुखों से विवेचना व अन्य बिंदुओं पर आ रही दिक्कतों के बारे में भी पूछा और उन्हें अतिरिक्त स्टाफ उपलब्ध कराने का भी भरोसा दिलाया। बैठक में जीबी पटनायक कमेटी की संस्तुतियां पर भी चर्चा की गई। तय हुआ कि इस पर अगल से विस्तार से बात की जाएगी।
माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले पुलिस व जांच एजेंसियां बड़ों पर नकेल कसेंगी। बैठक में तेजी से कार्रवाई के जो निर्देश दिए गए, उसके पीछे भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई कर राज्य सरकार अपना संदेश देना चाहती है। सरकार के गठन के बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के मामलों में कड़ी कार्रवाई की बात कही थी और इसके लिए पोर्टल भी लांच कराया था। बैठक में मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार, डीजीपी ओपी सिंह, सभी जांच एजेंसियों के डीजी व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।