कोई पीएचडी तो कोई विदेशी डिग्री लेकर मैदान में है। किसी ने एमबीए की डिग्री ली है तो कोई पीएचडी कर चुका है लेकिन अब राजनीति में हाथ आजमा रहे हैं। इनमें कई ऐसे युवा प्रत्याशी हैं जिन्होंने इन डिग्रियों के बल पर नौकरी करने की बजाय सियासी अखाड़े को चुना है।
बिधूना के वर्तमान विधायक विनय शाक्य की बेटी रिया शाक्य की तो उन्होंने सिम्बियासिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ डिजाइन की डिग्री ली है। उनके पिता सपा में जा चुके हैं लिहाजा उनकी जगह अब वह भाजपा से चुनाव मैदान में हैं। रामपुर की स्वार सीट से प्रत्याशी हैदर अली खां यानी हमजा मियां ने यूं तो लंदन की एसेक्स यूनिवर्सिटी से अंतराष्ट्रीय राजनीति में पढ़ाई की है लेकिन उन्हें अपने देश की सियासत से लगाव है और वह अपना दल-(स) के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। हमजा मियां रामपुर के नवाब खानदान से ताल्लुक रखते हैं।
वह 2017 से कांग्रेस के टिकट पर पहली बार विधायक चुनी गई, इस बार कमल के साथ मैदान में हैं। संदीप सिंह ने भी यूके की लीड्स बेकेट यूनिवर्सिटी से पब्लिक रिलेशन एंड स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशन में परास्नातक किया है। वह भी दूसरी बार अतरौली से चुनाव मैदान में हैं।
हमीरपुर से भाजपा प्रत्याशी मनोज प्रजापति, पुरकाजी से आप प्रत्याशी अनिल कुमार, किठौर से कांग्रेस की बबिता गुर्जर, मांठ से सपा के संजय लाठर, साहिबाबाद से आप प्रत्याशी छवि यादव, मेरठ दक्षिण से भाजपा के सोमेन्द्र तोर, एत्मादपुर से सपा के वीरेन्द्र चौहान, मड़यिाहूं से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुषमा पटेल समेत कई ऐसे प्रत्याशी हैं जिन्होंने डॉक्ट्रेट कर रखा है।