छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनते ही भूपेश बघेल ने सोमवार को चुनावी वादे के अनुरूप किसानों की अल्पकालिक फसली ऋण माफ करने की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा, चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार बनने के 10 दिन के भीतर किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था। इसके साथ ही मक्के का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1700 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति क्विंटल करने का भरोसा दिया था। मुझे बताते हुए खुशी है कि हमने ये दोनों फैसले ले लिए हैं।
बघेल ने कहा, हमारी सरकार ने इसके साथ ही झीरम घाटी में नक्सली हमले की जांच के लिए एसाआईटी गठित करने का फैसला किया है। इस हमले में नंद कुमार पटेल सहित 29 लोग मारे गए थे। लेकिन साजिशकर्ताओं का अब तक खुलासा नहीं हुआ है। इतिहास में राजनीतिकों का ऐसा संहार कभी नहीं हुआ था। इसलिए दोषियों को पकड़ने के लिए एसआईटी गठित की जाएगी।
उन्होंने कहा, 30 नवंबर 2018 की स्थिति के अनुसार सहकारी बैंक व छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक में कृषकों के अल्पकालीन ऋण को माफ कर दिया गया है। इससे 16 लाख 65 हजार से ज्यादा किसानों का 61 सौ करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज माफ होगा। मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय किया गया कि अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों के अल्पकालीन कृषि ऋण के परीक्षण के बाद कृषि कर्ज को माफ करने की कार्रवाई की जाएगी।
बघेल ने कहा कि सरकार ने शपथ लेने के बाद धान की खरीदी दर 2500 रुपये प्रति क्विंटल करने का भी निर्णय किया है।
पहली कैबिनेट मीटिंग के तीन बड़े फैसले –
1. 16 लाख 65 हजार से अधिक किसानों का 6100 करोड़ रूपये का कर्जा माफ.
2. धान का समर्थन मूल्य 2500 रूपये प्रति क्विंटल किया गया.
3. झीरम हमले के शहीदों को न्याय दिलाने के लिए SIT का किया गठन.