चंडीगढ़। पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू अपने पाकिस्तान दौरे को लेकर विरोधियों के निशाने पर हैं। खालिस्तानी आतंकी गोपाल सिंह चावला के साथ सिद्धू की फोटो वायरल होने के बार विरोधियों को उन पर हमले का मौका मिल गया है। इससे आगे सिद्धू की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सिद्धू के खिलाफ शिरोमणि अकाली दल काफी आक्रामक है। शिअद के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने सिद्धू को तुरंत मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है। दूसरी ओर सिद्धू को पाकिस्तान जाने से मना करने वाले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। इससे सस्पेंस बढ़ गया है। माना जा रहा है इस मामले में कैप्टन कड़ा स्टैंड ले सकते हैं।
शिअद ने कैबिनेट से तुरंत कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग की
सिद्धू के साथ की फोटो खुद चावला ने अपने फेसबुक अकाउंट पर डाली है। चावला ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रधान गोबिंद सिंह लोंगोवाल के साथ की फोटो भी फेसबुक पर अपलोड की है। इससे पहले सिद्धू अपने क्रिकेटर दोस्त इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने पर ताजपोशी समारोह में जब गए थे तो पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा को जफ्फी डालने पर विवादों में आए थे।
सिद्धू के साथ चावला की फोटो पर अकाली दल ने आक्रामक रुख अपना लिया है। पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने मांग की है कि सिद्धू को कैबिनेट से बर्खास्त किया जाए। अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के जनरल सेक्रेटरी मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ सिद्धू का इस्तेमाल देश विरोधी नीतियों को चलाने के लिए कर रही है।
सुनील जाखड़ के खुलकर समर्थन करने से सिद्धू को मिली राहत
दूसरी अोर, सिद्धू के लिए सिद्धू काे पार्टी के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ का समर्थन मिलने से राहत मिली है। जाखड़ ने सिद्धू का बचाव करते हुए कहा है कि शिअद और सुखबीर सिंह बादल ओछी राजनीति पर उतर आए हैं। करतारपुर कॉरिडोर का सेहरा सिद्धू के सिर पर सजा इसलिए वह इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। फोटो तो एसजीपीसी अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल की भी वायरल हुई है, इस पर सुखबीर बादल क्यों नहीं बोलते।
इसके बावजूद चावला के साथ फोटो वायरल होने से सिद्धू की राजनीतिक रूप से परेशानियां बढ़नी तय लग रही है। भले ही सुनील जाखड़ सिद्धू के बचाव में उतर आए हों, लेकिन कांग्रेस के कई बड़े नेताओं में सिद्धू के प्रति रोष बढ़ रहा है। कई नेता व मंत्री पहले भी सिद्धू का खुलकर विरोध कर चुके हैं।
महत्वपूर्ण यह है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस मामले में चुप्पी साध ली है। कैप्टन ने पाकिस्तान का न्यौता ठुकरा दिया था और सिद्धू के भी पाकिस्तान जाने के हक में नहीं थे। सिद्धू कैप्टन के सुझाव को दरकिनार कर पाकिस्तान गए। पाक आर्मी चीफ को जफ्फी डालने पर भी कैप्टन ने नाखुशी जाहिर करते हुए कहा था कि सिद्धू को इससे बचना चाहिए था। उल्लेखनीय है कि सिद्धू व लोंगोवाल करतारपुर कॉरिडोर शिलान्यास समारोह में शामिल होने पाकिस्तान गए थे। सिद्धू वीरवार को लौट आए, लेकिन लोंगोवाल के आज लौटने की संभावना है।
सिद्धू का विवादों से पुराना नाता
अपने क्रिकेटर दोस्त इमरान खान के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने के बाद अगस्त 2018 में उनके ताजपोशी समारोह में पाक आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से गले मिलने पर विवादों में आए थे। यह मामला अब भी सुर्खियों में है।
-दशहरे के दिन अमृतसर में रेल फाटक के नजदीक ट्रेन से 62 लोगों की मौत को सिद्धू ने कुदरत की मर्जी कहा था। इसके बाद वे विपक्षियों के निशाने पर आ गए थे। दशहरा समारोह में उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू मुख्य अतिथि थीं।
-सिद्धू ने पंजाब में अफीम की खेती को कानूनी मंजूरी दिलवाने के लिए ड्रग्स के नशे से अफीम के नशे को बेहतर बताया था। तब भी काफी विवाद हुआ था। सिद्धू ने यह भी कहा था कि उनके चाचा भी अफीम का सेवन करते आए हैं।
-भारतीय जनता पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने के बाद उनके पैदाइशी कांग्रेसी होने के बयान पर भी वह विरोधियों के निशाने पर आए थे।
-पटियाला में 1988 के दौरान 65 साल के गुरनाम सिंह को थप्पड़ मार दिया था। बाद में गुरनाम की मौत हो गई थी। हाईकोर्ट ने 2006 में सिद्धू को तीन साल कैद और एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 16 मई 2018 को सिद्धू पर सिर्फ एक हजार रुपये जुर्माना लगाया। इस मामले में दोबारा पुनर्विचार याचिका दायर की गई है।