दिव्या हत्याकांड में आया फैसला, मुख्य अभियुक्त पीयूष और भाई मुकेश को उम्रकैद

कानपुर के चर्चित दिव्या हत्याकांड में आया फ़ैसला। मुख्य अभियुक्त स्कूल प्रबंधक के पुत्र पीयूष और भाई मुकेश को आजीवन कारावास। दो अन्य आरोपी रिहा। 2010 में कक्षा 5 की छात्रा दिव्या की स्कूल में रेप के बाद मौत हो गई थी।
यह था मामला

रावतपुर के भारती ज्ञानस्थली स्कूल में कक्षा 5 की छात्रा दिव्या (काल्पनिक नाम) की 27 सितंबर 2010 को अचानक हालत बिगड़ गई थी। स्कूल में दरिंदगी का शिकार हुई इस छात्रा को स्कूल की आया उसे घर छोड़ आयी। हालत बिगड़ने पर पीड़ित बच्ची की मां मोहल्ले वालों के साथ आनन-फानन अस्पताल ले गई थी। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने स्कूल प्रबंधक चंद्रपाल वर्मा उसके पुत्र मुकेश और पीयूष समेत चार लोगों को जेल भेजा था। पीयूष जेल में है जबकि अन्य लोग हाईकोर्ट से जमानत पर बाहर हैं।

कब क्या हुआ
घटना पर एक नजर
27 सितंबर 2010-को दिव्या (काल्पनिक नाम) के साथ स्कूल में दरिंदगी, खून बहने और इलाज न मिलने से मौत
29 सितंबर 2010-स्कूल प्रबंधक चंद्रपाल और बेटे मुकेश की गिरफ्तारी
6 अक्टूबर 2010-पुलिस ने खोला केस, मुन्ना लोध की गिरफ्तारी
15 अक्टूबर 2010-स्कूल प्रबंधक के बेटे पियूष की गिरफ्तारी
23 अक्टूबर 2010-सीबीसीआईडी लखनऊ को दी गई जांच
9 नवंबर 2010-डीएनए टेस्ट के लिए कोर्ट में 14 लोगों के ब्लड सेंपुल, मुन्ना का पहले ही लिया जा चुका था
24 दिसंबर 2010-सीबीसीआईडी ने चंद्रपाल और मुकेश के खिलाफ चार्जशीट लगाई
1 जनवरी 2011-सीबीसीआईडी ने कोर्ट में अर्जी देकर मुन्ना को बेकसूर बताया
11 जनवरी 2011-डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट के तहत पियूष के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की
27 सितंबर 2011-एडीजे 10 की कोर्ट में अभियुक्तों पर चार्ज फ्रेम
–चार्ज फ्रेम के खिलाफ अभियुक्त हाईकोर्ट गए। कहा-आरोप पत्र पर साइन तक नहीं
19 अप्रैल 2012-स्कूल प्रबंधक चंद्रपाल को हाईकोर्ट से जमानत मिली
मई 2012-स्कूल प्रबंधक के बेटे मुकेश को हाईकोर्ट से जमानत मिली
–एडीजे 1 की कोर्ट में हाईकोर्ट केआदेश पर चार्ज पर फिर सुनवाई। चार्ज फ्रेम हुआ।

मुकदमे की स्थिति
घटना-27 सितंबर 2010
अभियुक्त-कुल चार, दो जमानत पर थे  और दो जेल में।
कुल गवाह-करीब 50
मजबूत साक्ष्य-डीएनए रिपोर्ट