तीसरे सोमवार पर जलाभिषेक को मंदिरों में उमड़े शिवभक्त

विरासत मंदिर, चामुंडा मंदिर, गजस्थल के प्राचीन शिव मंदिर समेत अन्य मंदिरों में गंगा जल और दूध से भगवान अमरोहा। सावन के तीसरे सोमवार पर मंदिरों में शिवभक्तों ने भगवान आशुतोष का जलाभिषेक किया गया। श्रद्धालुओं ने विधिविधान से पूजा-अर्चना कर परिवार की सुख शांति की कामना की। सुबह से ही श्रद्धालुओं की लाइन लग गई। बम-बम भोले के जयकारों से मंदिर गूंज उठे, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया है। कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध के चलते अधिकांश भक्तों ने घरों में ही पूजा-अर्चना की।

कोरोना महामारी के चलते पिछले दो वर्षों से कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगा है। ऐसे में सावन के तीसरे सोमवार को मंदिरों और शिवालयों में भगवान भोले शंकर का जलाभिषेक हुआ। घर-मंदिर हर-हर महादेव और बम भोले के जयकारोंभोले का जलाभिषेक किया। कोरोना के चलते कम संख्या में भक्त मंदिर पहुंचे। श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध होकर दर्शन पूजन और जलाभिषेक किया। अधिकतर भक्तों ने घरों में पूजा कर परिवार में सुख, शांति, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। सुरक्षा के लिहाजा से सभी मंदिरों पर पुलिस मुस्तैद रही।

मंदिरों में शिवभक्तों की लगीं लाइनें

गजरौला। भगवान शिव को प्रिय सावन माह का धार्मिक रूप से विशेष महत्व है। इस माह के प्रत्येक सोमवार को महाशिवरात्रि के बराबर बताया गया है। सावन माह के तीसरे सोमवार पर शिव भक्तों ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया। क्षेत्र के चाकीखेड़ा स्थित चाकेश्वर मंदिर सहित अन्य मंदिरों पर भोर होते ही श्रद्धालुओं की लाइन लग गई थीं। नगर व दूर दराज गांवों के शिव भक्त तड़के ही मंदिर में पहुंच गए थे। विधिविधान से भगवान शिव की पूजा अर्चना कर घर में सुख समृद्धि की कामना की। इस दौरान सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस भी मुस्तैद रही। संवाद