
एश्योर्ड प्रोग्रेशन स्कीम के तहत इस संबंध में वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिए है। वित्त विभाग ने राजस्थान सिविल सेवा नियमों में संशोध कर आदेश जारी किए है। ये आदेश 2016 से प्रभावी होंगे। वित्त विभाग के आदेश के अनुसार प्रदेश में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों को अपने सेवा काल के दौरान विभागीय पदोन्नति के तहत तीन बार प्रमोशन दिया जाता है। इसमें पूर्व गजेटेगड और नाॅन गजेटेड कार्मिकों को 9, 18 और 27 साल की सेवा के तहत तीन बार पदोन्नत किया जाता था। इसी के साथ वित्तीय पदोन्नति या ग्रेड भी परिवर्तित की जाती थी। वित्त विभाग के इस आदेश से प्रदेश के 8.30 लाख से अधिक अधिकारियों- कर्मचारियों को सीधा फायदा मिलेगा।
देश में छठे वेतन आयोगा की वर्ष 2006 में आई रिपोर्ट में इसमें संशोधन किया गया। इसके बाद गजेटेड कार्मिकों को 10, 20 और 30 साल की सेवा के बाद पदोन्नत कर ग्रेड पे में परिवर्तन किया जाने लगा। नाॅन गजेटेड कार्मिकों को 9, 18 और 27 साल की सेवा के बाद ही पदोन्नति कर यह ग्रेड पे बढ़ाई जाती थी। वर्ष 2004 के बाद नियुक्त हुए कार्मिकों को पदोन्नति दो-तीन बार ही मिलती थी।
प्रदेश में कार्यरत कार्मिकों को इस नियम के तहत एसीपी दिए जाने पर आपत्ति थी और इस संबंध में वो कई बार अपने प्रशासनिक विभाग औऱ वित्त विभाग को भी ज्ञापन दे चुके थे। इस नियम में संशोध करते हुए अब राज्य सरकार ने सभी कार्मिकों को अपने राजकीय सेवा के दौरान पदोन्नति नहीं मिलने पर भी पद के बराबर ग्रेड पे या वेतन लाभ देने के आदेश जारी किए।