
विधानसभा की 29 सीटें त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी नजर आ रही हैं। जबकि एक सीट पर मुकाबला चतुष्कोणीय बना रहा। यानी 40 सीटों पर प्रत्याशियों के बीच सीधी टक्कर होगी। सीधे मुकाबले के बजाए जो सीटें विभिन्न दलों के प्रत्याशियों के बीच में त्रिकोणात्मक मुकाबले में फंसी हैं, उनमें से जो भी 20 से ज्यादा सीटें जीतकर कर ले जाएगा, उसके हाथ में सत्ता की चाबी लगने की भी उम्मीद जताई जा रही है।
भारतीय जनता पार्टी से बागी हुए उम्मीदवारों ने ही सात सीटों में कड़ी चुनौती पेश की हुई है। कोद्वार और धर्मपुर सीट पर पार्टी के बागियों ने ही मुकाबला कड़ा बना दिया है।कांग्रेस पांच सीटों पर भाजपा के साथ अपने बागियों से मुकाबले में है। इसमें लालकुंआ हॉट सीट भी शामिल है, यहां कांग्रेस से बागी संध्या डालाकोटी पूरे चुनाव में कांग्रेस के लिए मुसीबत की वजह बनी रही। वहीं, यमुनोत्री में संजय डोभाल, रुद्रप्रयाग में पूर्व मंत्री मातवर सिंह कंडारी और घनसाली में भीमलाल आर्य कांग्रेस की राह में रोड़ा बने हुए हैं।
आम आदमी पार्टी अभी तक छह सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला बना रही हैं। यहां आप के सीएम चेहरा कर्नल कोठियाल मैदान में हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की सीट पर भी आम आदमी पार्टी ने खुद को मुकाबले में बनाया हुआ है।
उत्तराखंड क्रांति दल देवप्रयाग और द्वाराहाट में राष्ट्रीय दलों से सीधे मुकाबले में है। देवप्रयाग से दिवाकर भट्ट और द्वाराहाट से पुष्पेश त्रिपाठी चुनाव मैदान में हैं।
उत्तराखंड जन एकता पार्टी दिनेश धनै ने मुकाबले को त्रिकोणीय बनाया हुआ है। जबकि खानपुर में निर्दलीय उमेश कुमार भाजपा, कांग्रेस और बसपा के सामने कड़ी चुनौती पेश की है। यहां मुकाबला चतुष्कोणीय बना हुआ है।