अमेरिका के जाने क्या होगा पीछे छूटे उसके मददगारों का हाल, सुरक्षित करने की क्या है योजना

अफगानिस्तान से अमेरिकी और सहयोगी अफगान नागरिकों की निकासी के लिये तय 31 अगस्त की समयसीमा को नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। इसके बाद से ही दुनियाभर में लोगों के मन में लगातार यह सवाल उठ रहे हैं कि अगर इस तारीख के बाद भी अफगानिस्तान में अमेरिकी, नाटो सैनिक या उनकी मदद करने वाले अफगान नागरिक बच गए तो उनका क्या हश्र होगा

बाइडन ने अप्रैल में ही अफगानिस्तान में बचे अपने 2500 सैनिकों को निकालने की योजना का ऐलान कर दिया था। उन्होंने पहले इसके लिए 11 सितंबर की तारीख तय की थी। हालांकि, बाद में उन्होंने सैनिकों को 31 अगस्त तक निकालने की बात कही। हालांकि, इस दौरान दूतावास और कॉन्स्युलेट में फंसे लोगों और उनकी मदद करने वाले अफगान नागिरकों को न निकाल पाने की वजह से उन्हें इसी महीने छह हजार अमेरिकी सैनिकों को फिर से काबुल भेजना पड़ा

इसके बावजूद काबुल एयरपोर्ट पर लगातार भीड़ जुटी है। इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने साफ किया था कि वे जितने ज्यादा से ज्यादा अफगानों को निकाल सकेंगे, उतने लोगों को निकालेंगे। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा था कि 4 हजार अमेरिकी नागरिक अब तक निकाले जा चुके हैं, लेकिन अभी इसकी साफ जानकारी नहीं है कि अफगानिस्तान में कितने अमेरिकी फंसे हैं, क्योंकि सभी लोग दूतावास में रजिस्टर्ड नहीं हैं। 

बाइडेन प्रशासन ने साफ कर दिया है कि वह तालिबान से अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करने के लिए कहेगी और इसके तहत उससे अमेरिका के मददगारों को परेशान न करने की मांग भी की जाएगी। इसकी ऐवज में अमेरिका आगे तालिबान पर लगे प्रतिबंधों में छूट दे सकता है। साथ ही अफगानिस्तान के लिए मौजूदा समय में रोकी गई मदद को धीरे-धीरे मंजूरी भी मिल सकती है।