भारत की जीडीपी एक दशक में दोगुनी, 2025 में जापान और 2027 तक जर्मनी को पछाड़ने की ओर अग्रसर

भारत ने आर्थिक मोर्चे पर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 2015 में $2.1 ट्रिलियन से बढ़कर 2025 तक $4.3 ट्रिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 105% की अभूतपूर्व वृद्धि दर्शाता है। इस तेजी से विकास ने भारत को दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल कर दिया है, जिससे 2025 तक जापान और 2027 तक जर्मनी को पीछे छोड़ने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा जारी मुद्रास्फीति-समायोजित आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 2015 से 2025 तक 77% जीडीपी वृद्धि दर्ज की है, जो इसे वैश्विक आर्थिक पटल पर एक नई ऊंचाई पर ले जा रहा है।

इस आर्थिक उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता अमित मालवीय ने ट्वीट किया:
“यह असाधारण उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व और उनकी सरकार के अथक प्रयासों का प्रमाण है। सक्रिय आर्थिक नीतियों, साहसिक संरचनात्मक सुधारों और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ पर निरंतर ध्यान केंद्रित करने के कारण मोदी सरकार ने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया है — यह उपलब्धि आजादी के बाद किसी भी सरकार को नहीं मिली थी। ये परिवर्तनकारी पहल न केवल भारत के आर्थिक विकास को आगे बढ़ा रही हैं, बल्कि भारत को पारंपरिक वैश्विक शक्तियों से आगे ले जाने का संकेत भी दे रही हैं, जिससे वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव हो रहा है।”

चीन ने भी इसी अवधि में 74% की प्रभावशाली जीडीपी वृद्धि दर्ज की, जो 2015 में $11.2 ट्रिलियन से बढ़कर 2025 तक $19.5 ट्रिलियन तक पहुंच गई। हालांकि, चीन के अमेरिका को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में पीछे छोड़ने की भविष्यवाणियां साकार नहीं हो पाईं, क्योंकि महामारी और रियल एस्टेट सेक्टर की चुनौतियों ने उसकी अर्थव्यवस्था को झटका दिया है।

अमेरिका ने 2015 में $23.7 ट्रिलियन से 2025 तक $30.3 ट्रिलियन तक जीडीपी बढ़ाकर अपनी शीर्ष अर्थव्यवस्था की स्थिति बनाए रखी, हालांकि इसकी वृद्धि दर 28% रही, जो एशियाई अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में धीमी है। इसके बावजूद, अमेरिका वैश्विक आर्थिक स्थिरता का एक प्रमुख स्तंभ बना हुआ है।

यूके, फ्रांस, जर्मनी और जापान जैसी अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने 6% से 14% के बीच मध्यम जीडीपी वृद्धि दर्ज की। हालांकि इनकी वृद्धि धीमी रही, फिर भी ये देश वैश्विक व्यापार और वित्त में महत्वपूर्ण प्रभाव बनाए हुए हैं।

ब्राजील ने शीर्ष दस अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कम वृद्धि दर्ज की, जहां 2015 में $2.1 ट्रिलियन की जीडीपी 2025 तक केवल $2.3 ट्रिलियन तक बढ़ी, जो महज 8% की वृद्धि है। ब्राजील की आर्थिक मुश्किलें 2014 के कमोडिटी क्रैश से शुरू हुई मंदी और फिर कोविड-19 महामारी के कारण और बढ़ गईं।

भारत की इस तेज़ प्रगति ने न केवल देश के आर्थिक भविष्य को मजबूत किया है, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में उसकी स्थिति को और मजबूत करने की राह खोल दी है।