
अंबाला। 6 साल से 22 कॉलोनियों के वैध होने का इंतजार कर रहे करीब 50 हजार लोगों को झटका लगा है। अब इन लोगों को अपनी कॉलोनी वैध करवाने के लिए दोबारा से सर्वे का इंतजार करना पड़ेगा। इसके बाद ही यह तय हो सकेगा कि इन कॉलोनियों को वैध किया जाएगा या नहीं। वहीं करीब 185 अन्य अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोगों में आस जग गई है। अब यह कॉलोनी भी नए सर्वे में शामिल हो सकेंगी क्योंकि अब नियमों में छूूट दी गई है।
दरअसल अंबाला शहर और छावनी की कुल 22 कॉलोनियों का नाम वैध करने के लिए फरवरी 2018 में नगर निगम अंबाला की ओर से प्रस्ताव शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय को भेजा गया था। लेकिन निदेशालय ने इन कॉलोनियों में कुछ एरिया पर आपत्ति लगाते हुए आपत्ति दूर करने लिए फाइल नगर निगम कार्यालय में वापस भेज दी थी। मई 2018 में नगर निगम सदन का कार्यकाल संपन्न हो गया। इसके बाद इन कॉलोनियों पर लगाई गई आपत्तियों को अधिकारियों ने दूर करना लाजमी नहीं समझा। अब सरकार की नई पॉलिसी के अनुसार दोबारा से सर्वे किया जाएगा और फिर से प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा जाएगा। इसके बाद ही इन कॉलोनियों को नियमित किया जा सकेगा।
शहर की इन कॉलोनियों को वैध करने के लिए हटानी थी 2018 में आपत्ति
कॉलोनी का नाम कुल एरिया
लेबर कॉलोनी 17.53 एकड़
किंग विहार 2 5.92 एकड़
एक्सटेंशन न्यू शिवनगर 8.40 एकड़
महावीर कॉलोनी 4.32 एकड़
एक्सटेंशन न्यू रणजीत नगर 5.72 एकड़
पटेल नगर 18.61 एकड़
फ्रेंड्स नगर 7.49 एकड़
गुरुनानक कॉलोनी 16.03 एकड़
शिवपुरी 18.23 एकड़
एक्सटेंशन सुंदर नगर 12.53 एकड़
वीटा नगर 17.43 एकड़
जग्गी कॉलोनी-1 6.99 एकड़
जग्गी कॉलोनी-2 13.61 एकड़
जग्गी कॉलोनी-3 17.46 एकड़
सरस्वती कॉलोनी 8.37 एकड़
छावनी की इन कॉलोनियों को नियमित करने के लिए वर्ष 2018 में हटानी थी आपत्ति
आनंद नगर ए 22.54 एकड़
आनंद नगर बी 14.11 एकड़
इंदिरा कॉलोनी 3.42 एकड़
गणेश विहार 26.13 एकड़
अर्जुन नगर ए 7.48 एकड़
शिव विहार 4.25 एकड़
शिवाला मंडी-2 30.86 एकड़
पहले यह थी शर्त, अब यह बनाए गए हैं नियम
दरअसल वर्ष 2015 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 50 प्रतिशत या इससे ज्यादा बस चुकी कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा की थी। इसके लिए शर्तें यह रखी गईं थी कि जो कॉलोनियां मार्च 2015 से पहले बन चुकी हैं और उनमें निर्माण कार्य कम से कम 50 प्रतिशत हो चुका है। कॉलोनियों में स्कूल, पार्क इत्यादि की व्यवस्था है तो उन्हें नियमित कर दिया जाएगा। इन्हीं नियमों के मुताबिक हिसार की हरसक कंपनी ने सर्वे कर 47 कॉलोनियों की लिस्ट निदेशालय के पास भेजी थी। इनमें से 25 को वैध कर दिया गया था जबकि 22 पर आपत्ति लगा दी गई थी। वर्तमान में दिसंबर 2021 तक जो कॉलोनियां 10, 20 या 30 जितने भी प्रतिशत बन चुकी हैं उन सभी की रिपोर्ट मांगी गई है।
अंबाला में वर्ष 2013 में थी 210 अवैध कॉलोनियां
वर्ष 2013 में शहर और छावनी की 210 अवैध कॉलोनियों को नगर निगम के दायरे में शामिल कर लिया गया था। इसमें अंबाला शहर की 75 और अंबाला छावनी की 135 कॉलोनियां शामिल थी। इन 210 अवैध कॉलोनियों को वैध करवाने के लिए निजी एजेंसी ने सर्वे करवाया था तो इसमें 95 कॉलोनियां ही ऐसी सामने आई, जो पचास फीसदी से ज्यादा विकसित हो चुकी थी। इन 95 कॉलोनियों में से अंबाला शहर की 32 और अंबाला कैंट की 63 कॉलोनियां शामिल थी। इसके बाद 2016-17 में जो सर्वे हुआ उसमें इन 95 में से भी लगभग आधी यानी 47 को नियमित करने का प्रस्ताव पारित किया गया था जिसमें से 25 ही वैध हो सकी थीं। लिहाजा इन 185 कॉलोनियों के अलावा 8 साल की अवधि में जो शेष कॉलोनियां कटी हैं अब वह भी सर्वे में शामिल होंगी। ऐसे में इन कॉलोनियों के माथे से भी अब अवैध का कलंक हट सकता है।
अब सभी अवैध कॉलोनियों का सर्वे दोबारा से किया जाएगा। एक सप्ताह के भीतर सर्वे शुरू होने की उम्मीद है। जो 22 कॉलोनियां उस समय रह गई थी उनका भी दोबारा सर्वे होगा। अब 50 प्रतिशत बनने वाली कॉलोनियों की को शर्त हटा दिया गया है। 10, 20 या 30 प्रतिशत विकसित हो चुकी सभी कॉलोनियों को सर्वे में शामिल किया जाएगा।