
मंगलवार को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर अलगाववादी उग्रवादियों ने हमला कर दिया। इस हमले में अब तक 27 उग्रवादी मारे जा चुके हैं और 155 यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया है।
हमले की शुरुआत:
जाफर एक्सप्रेस, जिसमें करीब 500 यात्री सवार थे, क्वेटा से पेशावर जा रही थी। ट्रेन जब गुदालार और पिरु कुनरी के पहाड़ी इलाके के पास एक सुरंग से गुजर रही थी, तभी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) से जुड़े हथियारबंद उग्रवादियों ने इसे रोक लिया। बंदूकधारियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें ट्रेन चालक की मौत हो गई।
बीएलए ने ली जिम्मेदारी:
बीएलए ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया कि उन्होंने ट्रेन पर कब्जा कर लिया, 30 सुरक्षा कर्मियों को मार डाला, और 214 यात्रियों (जिसमें कुछ सैन्य जवान भी शामिल थे) को बंधक बना लिया। हालांकि, इन दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है।
उग्रवादियों की मांगें:
बीएलए ने सरकार के सामने 48 घंटे का अल्टीमेटम रखा। उनकी मांग है कि बलूच राजनीतिक कैदियों, कार्यकर्ताओं और लापता लोगों, जिन्हें कथित तौर पर पाकिस्तानी सेना ने हिरासत में लिया है, उन्हें रिहा किया जाए।
उग्रवादियों ने धमकी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे सभी बंधकों को मार देंगे और ट्रेन को पूरी तरह नष्ट कर देंगे।
सरकार और सेना की प्रतिक्रिया:
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि सुरक्षा बल उग्रवादियों का डटकर मुकाबला कर रहे हैं। गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने भी हमलावरों को “निर्दोष यात्रियों को निशाना बनाने वाले दरिंदे” कहा।
बलूचिस्तान सरकार ने आपातकालीन कदम उठाते हुए सुरक्षा बलों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। सुरंग के आसपास सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच भीषण गोलीबारी हुई।
बचाव अभियान:
सुरक्षा बलों ने अब तक 155 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला है, जिनमें 58 पुरुष, 31 महिलाएं और 15 बच्चे शामिल हैं। कुछ बंधकों को उग्रवादी पहाड़ियों में ले गए, जहां सुरक्षाबलों ने उनका पीछा जारी रखा।
सूत्रों के मुताबिक, उग्रवादी छोटे-छोटे समूहों में बंटकर अंधेरे में भागने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सुरंग को चारों ओर से घेर लिया गया है।
बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने बताया कि पहले चरण में 80 यात्रियों को बचाया गया था, जिनमें 43 पुरुष, 26 महिलाएं और 11 बच्चे शामिल थे।
रेलवे की मदद:
पाकिस्तान रेलवे ने पेशावर और क्वेटा रेलवे स्टेशनों पर आपातकालीन सहायता केंद्र स्थापित किया है, ताकि यात्रियों के परिजनों को जानकारी दी जा सके।
रेलवे अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों पर ध्यान न दें।
पिछले हमलों की कड़ी:
यह क्षेत्र पहले भी ऐसे हमलों का गवाह रहा है। पिछले साल नवंबर में क्वेटा रेलवे स्टेशन पर एक आत्मघाती हमले में 26 लोग मारे गए थे और 62 घायल हुए थे, जिसके बाद कई ट्रेन सेवाएं निलंबित करनी पड़ी थीं। हाल ही में ही क्वेटा से पेशावर जाने वाली ट्रेन सेवा फिर से शुरू हुई थी।
यह हमला बलूचिस्तान में बढ़ते तनाव और अलगाववादी संगठनों की बढ़ती गतिविधियों की एक और भयावह कड़ी बन गया है। पाकिस्तान सरकार और सुरक्षा बल अब अगला कदम किस तरह उठाते हैं, यह देखना बाकी है।