
दलते बनारस को और खूबसूरत बनाने के लिए अब उसके सभी प्रवेश मार्गों को फोरलेन बनाया जाएगा। बाबतपुर-वाराणसी की तर्ज पर शहर के चारों प्रमुख मार्ग फोरलेन होंगे और उन पर गुजरने वालों को काशी की झलक भी दिखाई देगी। प्रवेश मार्गों को फोरलेन बनाकर कर संवारने का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सितंबर में इस परियोजना की सौगात काशीवासियों को मिल सकती है।
शहर के बाहर नेशनल हाईवे को फोरलेन से जोड़ने के बाद अब शहर के भीतरी जगहों पर भी फोरलेन सड़कों का जाल बिछाने की तैयारी चल रही है। इसमें रोहनिया से बौलिया, सारनाथ से गाजीपुर मार्ग और पड़ाव से कज्जाकपुरा तक की सड़क को फोरलेन किया जाएगा।
इन सड़कों को प्रकाश की विधिवत व्यवस्था के साथ सड़क किनारे फुटपाथ आदि बनाकर संवारा जाएगा। साथ ही इन सड़कों पर काशी की धर्म, कला और संस्कृति की झलक भी इन सड़कों के किनारों पर उकेरी जाएगी। यहां बता दें कि बाबतपुर से शिवपुर तक फोरलेन ने बदलते बनारस की पहचान में चार चांद लगाए हैं।
रिंग रोड के जरिए आजमगढ़ सहित अन्य मार्गों पर भी लोग आरामदायक सफर कर सकेंगे। ऐसे में अब प्रयागराज, चंदौली और गाजीपुर से आने वाले लोगों को सुंदर प्रवेश द्वार काशी के विकास की कहानी बताएंगे।
मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा कि लोक निर्माण विभाग रोहनिया से बौलिया, सारनाथ से गाजीपुर मार्ग और पड़ाव से कज्जाकपुरा का डीपीआर तैयार कर रहा है। वाराणसी आने वालों को शहर की सीमा में प्रवेश करते ही बनारस के विकास की झलक दिखाई देगी।
काशी की कहानी बताएंगी सड़कें
कला, संस्कृति, साहित्य और धर्म की नगरी काशी की सड़कें भी काशी की कहानी बताएंगी। शहर की सीमा में प्रवेश करते ही पर्यटकों को काशी के पुरा वैभव के साथ ही कला, संगीत, साहित्य और अध्यात्म के दर्शन होंगे। प्रवेश सीमा की सड़कों को अब थीम बेस्ड बनाने की तैयारी की जा रही है। कहीं संदेश देते तथागत, कहीं मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगते श्री आदिविश्वेश्वर, कहीं बिस्मिल्लाह खां की शहनाई तो कहीं भारतेंदु का साहित्य।