ये होगा खास,यूपी सरकार की पहल, कपिलवस्तु में बनेगा बौद्ध सर्किट का सबसे बड़ा पार्क

भगवान बुद्ध की क्रीड़ास्थली कपिलवस्तु में बौद्ध परिपथ का पहला और सबसे बड़ा विपश्यना पार्क बनेगा। पार्क के लिए जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। पार्क के साथ ही यहां पर बौद्ध देशों के मठ भी बनाए जाएंगे। कपिलवस्तु भगवान बुद्ध की क्रीड़ास्थली है।

जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर स्थित कपिलवस्तु में एक स्तूप है जहां पर भगवान बुद्ध की अस्थि का अष्टम भाग दफन किया गया था। हालांकि खुदाई के बाद अस्थि कलश को निकालकर दिल्ली के संग्रहालय में रख दिया गया है। यहां पर हर साल हजारों की संख्या में देशी, विदेशी बौद्ध धर्मावलंबी आते हैं और देश व दुनिया में अमन के लिए शांति के दूत से प्रार्थना करते हैं। अब यहां विकास की नई संभावना जगी है।

पर्यटन विभाग की पहल पर प्रशासन की ओर से शासन को कपिलवस्तु में विपश्यना पार्क बनाने व बौद्ध देशों के मठ बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। इसके लिए शासन से 35 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने को कहा गया है। शासन से मंजूरी मिलते ही जमीन का अधिग्रहण हो जाएगा और पार्क का निर्माण भी शुरू हो जाएगा। 

42 करोड़ आएगा खर्च

कपिलवस्तु में विपश्यना पार्क निर्माण व जमीन अधिग्रहण पर 42 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। शासन से मंजूरी मिलने के बाद पार्क व मठों के बनने से पर्यटकों की आमद तो बढ़ेगी ही विदेशी मुद्रा भी प्राप्त होगी।

मठ बनाने को देंगे अधिग्रहीत जमीनें

बौद्ध देशों को अपने देश का मठ बनाने के लिए अधिग्रहीत जमीन में से भूमि दी जाएगी। यह जमीन शासन की अनुमति के बाद सरकारी दर पर उपलब्ध कराई जाएगी।

कपिलवस्तु में बुद्ध ने गुजारे थे 29 साल

कपिलवस्तु में भगवान बुद्ध ने अपने जीवन के प्रथम 29 साल राजकुमार सिद्धार्थ के रूप में गुजारे थे। यहीं से वह देश व दुनिया को शांति, अहिंसा, प्रेम, करुणा का संदेश देने को निकले थे।

क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अरविंद राय ने कहा, ‘कपिलवस्तु में विपश्यना पार्क व बौद्ध देशों के मठ बनाने के लिए 35 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने का प्रस्ताव प्रशासन की ओर से शासन को भेजा गया है। यहां बनने वाला विपश्यना पार्क बौद्ध परिपथ का पहला पार्क होगा।’