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मेडिकल कॉलेज में पुरानी मशीन हो रहे है बार-बार ख़राब, इलाज में और एमआरआई सिटी स्कैन बंद

झांसी। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में सीटी स्कैन का पार्ट्स और एमआरआई मशीन का पंखा खराब होने से जांचें ठप हो गई हैं। कॉलेज प्रशासन ने इंजीनियर को बुलाया है। फिलहाल दो दिनों तक जांच नहीं हो पाएगी। सोमवार को भी जांचें न हो पाने के चलते कई मरीजों को लौटना पड़ा।

मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग में मशीनें काफी पुरानी हो गई हैं। एमआरआई और सीटी स्कैन को बूढ़ी मशीनें कहा जाने लगा है। एमआरआई मशीन का पंखा खराब हो जाने के कारण इसकी जांच नहीं हो पा रही है। जबकि, सीटी स्कैन का एक पार्ट्स जवाब दे गया है। दोनों ही जांचें काफी महंगी होने के चलते मरीजों का जोर मेडिकल कॉलेज में जांच कराने का होता है। निजी सेंटर इन जांचों की मोटी रकम वसूलते हैं, ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर मरीज बाहर जांच नहीं करा पाते हैं। हालांकि, मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मशीन को सुधरवाने के लिए इंजीनियर बुलाया है। दो दिनों में मशीन सुधरने की संभावना है।

रोज 60 सीटी, 15 एमआरआई होती

मेडिकल कॉलेज के इन दोनों जांचों के लिए मरीजों की काफी भीड़ उमड़ती है। रोजाना लगभग 60 सीटी स्कैन और 15 एमआरआई जांच होती हैं। बीपीएल और आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए जांचें बिल्कुल नि:शुल्क रहती हैं।

जांचों में ये है अंतर

जांच मेडिकल कॉलेज निजी सेंटर

चेस्ट का सीटी 1000 रुपये 2500

सिर का सीटी 600 रुपये 1800

एमआरआई (एक पार्ट) 2000 रुपये 5000

एमआरआई और सीटी स्कैन मशीनें दोनों काफी पुरानी हो गईं हैं। इन मशीनों को ठीक करने के लिए इंजीनियर को बुला लिया गया है। बृहस्पतिवार तक मशीनें ठीक होने की उम्मीद है। – डॉ. एनएस सेंगर, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज।

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