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ट्रम्प ने भारत से आयात पर 26% टैरिफ लगाने की घोषणा की

वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार (IST) को भारत और अन्य देशों से आयात पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा की। ट्रम्प ने इसे “प्रत्युत्तरात्मक” करार दिया और कहा कि भारत द्वारा अमेरिकी उत्पादों पर लगाए जाने वाले टैरिफ “बहुत ही कठिन” हैं।

उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका से आयातित उत्पादों पर 52% तक का टैरिफ लगाता है, जबकि अमेरिका ने दशकों तक भारत को लगभग शून्य टैरिफ की सुविधा दी। इसके जवाब में अमेरिका अब भारत से आने वाले सभी आयातित उत्पादों पर 26% टैरिफ लगाएगा।

मोदी से दोस्ती, लेकिन व्यापार पर सख्ती

व्हाइट हाउस में आयोजित अपने संबोधन ‘Make America Wealthy Again’ में ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “मोदी मेरे अच्छे मित्र हैं, लेकिन मैंने उनसे कहा कि आप हमें सही तरीके से नहीं ट्रीट कर रहे। वे हमसे 52% टैरिफ लेते हैं, जबकि हमने उन्हें लगभग कुछ भी चार्ज नहीं किया।”

इसके अलावा, ट्रम्प ने ऐलान किया कि अमेरिका अब लगभग सभी आयातित वस्तुओं पर न्यूनतम 10% टैरिफ लगाएगा। उन्होंने विदेशी निर्मित ऑटोमोबाइल पर भी 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिससे अमेरिका के औद्योगिक क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।

ट्रम्प ने कहा, “पिछले 50 सालों से अमेरिकी करदाताओं का शोषण किया जा रहा था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।”

भारत सरकार कर रही हालात पर नजर

भारतीय सरकार ने ट्रम्प की घोषणा के बाद हालात की निगरानी के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित किया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय सहित अन्य संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी इस पर करीबी नजर रख रहे हैं।

इससे पहले, भारत ने अमेरिका से संभावित टैरिफ बढ़ोतरी को टालने के लिए राजनयिक प्रयास किए थे। पिछले महीने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल वाशिंगटन डीसी गए थे, जहां उन्होंने भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर चर्चा की। इस बैठक का उद्देश्य अमेरिका के साथ व्यापार सहयोग को मजबूत करना और संभावित टैरिफ के असर को कम करना था।

अमेरिका की रिपोर्ट में भारत के टैरिफ नीति पर सवाल

31 मार्च को, अमेरिका के यूएस ट्रेड रिप्रजेंटेटिव ऑफिस ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें भारत की टैरिफ और गैर-टैरिफ नीतियों को “दुनिया में सबसे प्रतिबंधात्मक” बताया गया। रिपोर्ट के अनुसार, भारत कृषि, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरणों और डिजिटल सेवाओं जैसे क्षेत्रों में अमेरिकी उत्पादों पर ऊंचे टैरिफ और कई तरह की व्यापारिक बाधाएं लगाता है।

हालांकि, भारत पहले ही कई रणनीतिक कदम उठा चुका था। केंद्र सरकार ने 1 फरवरी को पेश किए गए केंद्रीय बजट में आयात शुल्क घटाया था। लक्जरी कार, सोलर सेल और मशीनरी पर बेसिक कस्टम ड्यूटी कम कर दी गई थी। इससे अधिकतम आयात शुल्क 150% से घटकर 70% हो गया था और औसत टैरिफ 13% से घटकर 11% से नीचे आ गया था।

अमेरिकी उत्पादों पर भारत की छूट

रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने अमेरिकी कृषि उत्पादों जैसे कि बादाम, क्रैनबेरी और बॉर्बन व्हिस्की पर टैरिफ कम करने का प्रस्ताव दिया था। इसके अलावा, भारत अमेरिका से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) आयात पर भी शुल्क कम करने पर विचार कर रहा है।

भारतीय निर्यातकों पर पड़ेगा असर: FIEO

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन्स (FIEO) ने ट्रम्प की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 26% टैरिफ भारतीय निर्यातकों को प्रभावित करेगा।

हालांकि, FIEO के महानिदेशक अजय साहनी ने कहा कि भारत की स्थिति कई अन्य देशों से बेहतर है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत-अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौता जल्द ही अंतिम रूप लेगा, जिससे इन टैरिफ से राहत मिल सकती है।

उन्होंने कहा, “हमें इस फैसले के प्रभावों का मूल्यांकन करना होगा, लेकिन अन्य देशों की तुलना में हम बेहतर स्थिति में हैं। वियतनाम, चीन, इंडोनेशिया और म्यांमार जैसे प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले भारत को कम नुकसान होगा।”

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