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School Reopen:छठी से 8वीं तक की क्लासेज भी शुरू,पेरेंट्स की अनुमति के बाद पहुंचे छात्र

उत्तराखंड में छठी से 8वीं तक के स्कूल भी 16 अगस्त से खुल गए हैं। पेरेंट्स की अनुमति के बाद छात्र स्कूल पहुंच रहे हैं। स्कूल में दाखिल होने से पहले स्कूल प्रशासन की ओर से सभी छात्रों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। किसी भी छात्र को मास्क के बिना स्कूल में जाने की अनुमति नहीं दी गई। प्रदेश के सभी स्कूल प्रशासन की ओर से सरकार द्वारा जारी कोविड गाइडलाइन्स का सख्ती से पालन करवाया जा रहा है।

देहरादून, काशीपुर, रुड़की, चंपावत, हल्द्वानी, हरिद्वार, ऋषिकेश आदि शहरों में छठी से आठवीं तक स्कूल खुलने के बाद छात्र भी स्कूल पहुंच रहे हैं।काशीपुर के उदयराज हिन्दू इंटर कालेज में कक्षा सातवीं के छात्रों को प्रधानाचार्य बीके गुप्ता द्वारा आवश्यक निर्देश दिया गया। कहा कि कोई भी छात्र बिना मास्क के नहीं रहेगा। क्लास और स्कूल कैंपस में घूमते हुए मास्क का पहनना अनिवार्य है।

सरकार ने कोविड गाइडलाइन्स के तहत छात्रों और टीचर्स के लिए स्कूल में कोविड गाइडलाइन्स का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। चेताया है कि कोविड गाइडलाइन्स का उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। छात्रों को किताबें, पैंसिल आदि शेयर करना प्रतिबंधित है, जबकि मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। बुखार या तबीयत खराब होने पर छात्र को किसी भी सूरत में स्कूल में एंट्री नहीं दी जाएगी।

देहरादून में सोमवार से कक्षा छह से आठवीं तक की कक्षाएं भी शुरू हो गई हैं। इससे पहले 9वीं से 12वीं तक के छात्र ही स्कूल जा रहे थे। पहले दिन स्कूलों में उपस्थिति कम रही।  निरंजनपुर स्थित जीआरडी एकेडमी में कक्षा 6 से 8 तक 15 फीसदी उपस्थिति रही। छात्र-छात्राओं का कहना है कि उनको ऑफलाइन क्लास में काफी अच्छे से समझ में आ रहा है। जीजीआईसी राजपुर रोड, एसजीआरआर नेहरू ग्राम, मोथरोवाला समेत अन्य स्कूलों में भी उपस्थिति कम रही।

देहरादून जिले में 1239 सरकारी, 900 से ज्यादा निजी और 11 केंद्रीय विद्यालय हैं। हालांकि, पहले दिन कुछ निजी स्कूल में कक्षा से 12वीं तक की कक्षाएं ही चलीं। दरअसल, अभिभावक का सहमति पत्र नहीं होने के कारण स्कूल छात्रों को आने नहीं दे रहे हैं। मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. मुकुल कुमार सती ने कहा कि स्कूलों का निरीक्षण किया जा रहा है। निर्देश दिए गए हैं कि बिना मास्क और थर्मल स्क्रीनिंग के किसी भी छात्र, शिक्षक और कर्मचारी को स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

स्कूल में साफ-सफाई का ध्यान रखने के साथ सेनेटाइजर की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करनी होगी। छात्रों के बीच आवश्यक शारीरिक दूरी का भी पूरा ध्यान रखना होगा। बताया कि पहले दिन उपस्थिति कम है। शाम तक उपस्थिति के सही आंकड़े सामने आएंगे। प्रदेशभर में सोमवार से 4100 जूनियर हाईस्कूलों में सेनेटाइजर, मास्क आदि सरकार मुहैया कराएगी।

इन स्कूलों की भोजनमाताओं के लिए एप्रेन, हेड कवर और दस्ताने भी दिए गए हैं। छठी से आठवीं स्तर के 5234 स्कूलों में से 4156 के लिए सरकार ने विशेष कोविड बजट जारी किया। एसपीडी बंशीधर तिवारी ने इसके आदेश भी जारी किए हैं। उत्तराखंड में 16 से 25 छात्र संख्या के स्कूल 961 हैं, जबकि 26 से 50 छात्र संख्या वाले 1549 स्कूल, 51 से 100 छात्र संख्या वाले 1076 स्कूल, 100 से 200 तक छात्र संख्या वाले 429 स्कूल और 201 से ज्यादा छात्र वाले 141 स्कूल हैं।

इन स्कूलों को छात्र संख्या के अनुसार 400 से एक हजार रुपये की विशेष ग्रांट दी गई है। एसपीडी ने बताया कि प्रथम चरण में दो अगस्त से नवीं से 12 वीं तक के स्कूल खोल दिए गए थे। अब दूसरे चरण में बाकी जूनियर स्कूलों को खोलना जा रहा है। कोविड संक्रमण को देखते हुए विभाग पहले ही एसओपी जारी कर चुका है।  उत्तराखंड सरकार ने दो अगस्त से नौवीं से ऊपर की क्लासेज के लिए स्कूल खोलन दिए हैं। लेकिन, छात्रों की सुरक्षा के लिए सरकार ने कोविड गाइडलाइन्स के तहत स्टूडेंट्स के लिए स्कूल आने से पहले पेरेंट्स की अनुमति अनिवार्य की है।

चम्पावत जिले में सोमवार से कक्षा छह से आठवीं तक के स्कूल खुल गए। स्कूलों में कोरोना गाइड लाइन के तहत पठन-पाठन किया गया। बीते दो अगस्त को नवीं से 12वीं तक के स्कूल खोले गए थे। सीईओ आरसी पुरोहित ने बताया कि पहले दिन 39 फीसदी छात्र छात्राओं की उपस्थिति रही। बताया कि जिले के 144 स्कूलों में पंजीकृतक 14832 छात्र छात्राओं में से 5798 स्कूल पहुंचे। उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे छात्र- छात्राओं की स्कूल पहुंचने की दर बढ़ रही है।

ऑनलाइन पढ़ाई भी रहेगी जारी:शिक्षा सचिव ने कहा कि स्कूलों के खुलने के बाद भी ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। व्यवस्था की जा रही है कि स्कूल न आने वाले छात्र मोबाइल, लैपटॉप से कक्षा से जुड़ें। शिक्षक वाट्सअप ग्रुप तैयार कर छात्रों को कक्षा से जोड़ सकते हैं। जहां ऑनलाइन सुविधा नहीं है, वहां वाट्सअप और वर्कशीट से पढ़ाई जारी रखी जाएगी। साथ ही मासिक परीक्षा को अनिवार्य कर दिया गया है। 

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