
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात जैसे पाकिस्तान सीमा से सटे राज्यों में गुरुवार शाम को एक बड़े पैमाने पर सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इस अभ्यास का उद्देश्य संभावित आतंकी हमलों की स्थिति में तैयारियों का मूल्यांकन करना और बंधक संकट जैसी आपात स्थितियों से निपटने की रणनीतियों की जांच करना है।
सूत्रों के अनुसार, इस मॉक ड्रिल में विशेष सुरक्षा बलों और आतंकवाद-रोधी दस्तों द्वारा अत्याधुनिक हथियारों के साथ आतंकी हमलों की नकली स्थितियों का अभ्यास किया जाएगा, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता को परखा जा सके।
यह मॉक ड्रिल ऐसे समय में हो रही है जब हाल ही में गृह मंत्रालय ने 7 मई को ‘ऑपरेशन अभ्यास’ नाम से एक राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल आयोजित की थी। उसी दिन कुछ घंटों बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाते हुए एक सैन्य कार्रवाई की थी।
7 मई को हुआ यह अभ्यास 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद देश का पहला ऐसा व्यापक नागरिक सुरक्षा अभ्यास था, जिसमें थल, वायु और नौसेना की संयुक्त तैनाती देखी गई थी। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले — जिसमें 26 लोगों की जान गई थी — के जवाब के रूप में अंजाम दिया गया।
सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल्स का आयोजन आमतौर पर भूकंप, बाढ़, रासायनिक रिसाव, आतंकी हमले, परमाणु आपातकाल या युद्ध जैसी आपदाओं से निपटने की तैयारी को परखने के लिए किया जाता है। आने वाला यह अभ्यास सुरक्षा एजेंसियों की समन्वय क्षमता और आम जनता की जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।