
नई दिल्ली: भाजपा नेता राजा इकबाल सिंह को दिल्ली का नया महापौर चुन लिया गया है। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी मंदीप सिंह को हराकर 133 मतों से जीत दर्ज की। आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस चुनाव का बहिष्कार किया था।
डिप्टी मेयर पद के लिए भी भाजपा के जय भगवान यादव निर्वाचित हुए हैं। कांग्रेस प्रत्याशी अरीबा खान ने अपना नामांकन वापस ले लिया था।
शुक्रवार को मिली इस जीत के साथ ही भाजपा ने दो साल बाद दिल्ली नगर निगम (MCD) में सत्ता में वापसी की है। यह सफलता भाजपा के हाल ही में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन के बाद आई है, जहां पार्टी ने 70 में से 48 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि आप की सीटें 62 से घटकर 22 रह गईं। केंद्र में भाजपा की सरकार होने के चलते अब दिल्ली में ‘ट्रिपल इंजन सरकार’ की चर्चा तेज हो गई है।
वर्तमान में नगर निगम के कुल 238 सदस्य हैं, जिनमें से 12 सीटें खाली हैं क्योंकि कुछ पार्षद विधायक और एक सांसद बन चुके हैं। भाजपा के पास अब 117 पार्षद हैं, जो 2022 में 104 थे। वहीं आप के पास 113 सीटें रह गई हैं, जो पहले 134 थीं। कांग्रेस के पास मात्र 8 पार्षद हैं।
महापौर चुनाव के लिए निर्वाचन मंडल में 238 पार्षदों के अलावा 10 सांसद (सात लोकसभा और तीन राज्यसभा से) और 14 विधायक (11 भाजपा से और 3 आप से, जिन्हें विधानसभा अध्यक्ष विजेंदर गुप्ता ने नामित किया था) शामिल थे। शुक्रवार को हुए मतदान में एक वोट को अमान्य घोषित किया गया।
गुरुवार को बातचीत में राजा इकबाल सिंह ने कहा था कि दिल्ली की जनता ने राजधानी की समस्याओं को सुलझाने के लिए भाजपा पर भरोसा जताया है।
उन्होंने कहा, “आप पहले ही अपनी हार स्वीकार कर चुकी है। हम भ्रष्टाचार खत्म करेंगे और पिछले दो साल से रुके हुए सभी कामों को पूरा करेंगे।”
वहीं आम आदमी पार्टी की पार्षद और पूर्व महापौर शैली ओबेरॉय तथा सदन के नेता मुकेश गोयल ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।
शैली ओबेरॉय ने कहा, “हम इस चुनाव का पूरी तरह से बहिष्कार करेंगे,” और भाजपा पर “ट्रिपल इंजन की ताकत” के जरिए नगर निगम चुनावों को “मजाक” बनाने का आरोप लगाया।