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एयर इंडिया विमान हादसा: पूर्व गुजरात सीएम विजय रूपाणी और 5 एमबीबीएस छात्रों समेत कम से कम 265 की मौत

गुरुवार को अहमदाबाद में एक भयावह हवाई दुर्घटना में लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट (AI 171) टेकऑफ के कुछ ही क्षण बाद बी.जे. मेडिकल कॉलेज और सिविल अस्पताल परिसर में गिरकर आग की लपटों में घिर गई। इस दर्दनाक हादसे में कम से कम 265 लोगों की मौत हो चुकी है।

यह भारत के हाल के वर्षों का सबसे बड़ा हवाई हादसा माना जा रहा है। विमान के जमीन पर गिरने से परिसर की कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं और वहां मौजूद कई लोग भी मारे गए। हादसे के बाद कई शवों की पहचान करना मुश्किल हो गया है क्योंकि वे बुरी तरह जल चुके थे।

विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू सदस्य शामिल थे। डिप्टी पुलिस कमिश्नर कनन देसाई के अनुसार, “265 शव सिविल अस्पताल पहुंचाए जा चुके हैं।”

बीजेपी नेता सी.आर. पाटिल ने पुष्टि की है कि गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी इस हादसे में मारे गए हैं।

मेडिकल कॉलेज को भी बड़ा नुकसान

ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) के अनुसार, बी.जे. मेडिकल कॉलेज के कम से कम पांच एमबीबीएस छात्र, एक पीजी रेजिडेंट डॉक्टर और एक सुपरस्पेशलिस्ट डॉक्टर की पत्नी की मौत हुई है। इसके अलावा 60 से अधिक मेडिकल छात्र घायल हैं।

एफएआईएमए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. दिव्यांश सिंह ने कहा, “घटनास्थल से जो शव मिले हैं वे पूरी तरह जले हुए हैं।”

टेकऑफ के 1 मिनट के भीतर हुआ हादसा

यह हादसा गुरुवार को दोपहर 1:39 बजे सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के महज एक मिनट बाद हुआ। DGCA के अनुसार, “विमान ने रनवे 23 से उड़ान भरी थी और तुरंत MAYDAY कॉल दिया, लेकिन उसके बाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल को कोई जवाब नहीं मिला।”

विमान (VT-ANB) को कैप्टन सुमीत सभरवाल उड़ा रहे थे, जिनके पास 8200 घंटे की उड़ान का अनुभव था। उनके साथ फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर थे, जिनके पास 1100 घंटे की उड़ान का अनुभव था।

230 यात्रियों में से 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश नागरिक, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई यात्री थे। 12 क्रू सदस्य भी विमान में सवार थे।

यह हादसा बोइंग 787 ड्रीमलाइनर से जुड़ा पहला दुर्घटना है, जिसे तकनीकी रूप से काफी उन्नत माना जाता है। भारत में 2020 के बाद यह दूसरा बड़ा हवाई हादसा है। उस समय कोझिकोड में एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान क्रैश हुआ था जिसमें 21 लोग मारे गए थे।

ब्लैक बॉक्स की तलाश जारी, एक चमत्कारी जीवित यात्री

ब्लैक बॉक्स और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर की खोज जारी है ताकि हादसे के सही कारणों का पता लगाया जा सके। गुरुवार देर रात तक राहत और बचाव कार्य जारी रहा।

हादसे में एकमात्र जीवित बचे यात्री विश्वाश कुमार रमेश हैं, जो सीट 11A पर बैठे थे। टीवी फुटेज में उन्हें मलबे के बीच चलते हुए देखा गया। उन्हें सिविल अस्पताल के ट्रॉमा वार्ड में भर्ती किया गया है। रमेश अपने भाई के साथ लंदन जा रहे थे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “यह राहत की बात है कि एक व्यक्ति जीवित बचा है। मैं उसी से मिलकर आ रहा हूं। विमान में 1.25 लाख लीटर ईंधन था, जो आग पकड़ गया। इसलिए किसी को बचाना लगभग नामुमकिन था।”

इलाके में भारी तबाही, टाटा ग्रुप ने ₹1 करोड़ मुआवजा देने की घोषणा की

विमान का मलबा आसपास के इलाके में व्यापक तबाही का कारण बना। कई बहुमंजिला इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं, पेड़ जल गए और कारें राख हो गईं। एक तस्वीर में देखा गया कि विमान की नाक बी.जे. मेडिकल कॉलेज के डाइनिंग हॉल की ऊपरी मंजिल में घुस गई थी, जहां कई छात्र लंच कर रहे थे।

टाटा समूह ने इस हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए प्रत्येक मृतक के परिजनों को ₹1 करोड़ की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इसके अलावा, उन्होंने सभी घायलों का इलाज कराने और कॉलेज के हॉस्टल का पुनर्निर्माण कराने का वादा भी किया है।

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