नूंह दंगों के बाद फैली अफवाहों से हिंसा की चिंगारी से फरीदाबाद भी अछूता नहीं रहा था। नूंह दंगे के बाद उसकी आंच फरीदाबाद में भी आई थी। दंगे के बाद हुए बवाल के बाद सब्जी मंडी में जूस और कपड़ों की दुकान अरमान को हटानी पड़ी थी। हाल ही में कचौड़ी की दुकान खुलने पर समुदाय विशेष के युवकों के घाव हरे हो गए। बिट्टू बजरंगी से हिसाब चुकाने का मौका पाकर आरोपियों ने इस वारदात को अंजाम दे दिया। बिट्टू का घर फरीदाबाद में होने के कारण मामला और बिगड़ गया। मामले को शांत करने के लिए शहर में कई दिनों तक इंटरनेट की सेवा भी बंद करनी पड़ी थी। कुछ धार्मिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने एक समुदाय विशेष की दुकानों में तोड़फोड़ जैसी घटनाओं को भी अंजाम दिया था। इसी दौरान आरोपी अरमान की जूस की दुकान भी बंद करा दी गई थी। जहां अरमान की दुकान थी, वहां अभी दो दिन पहले ही एक कचौड़ी की दुकान शुरू की गई है। बिट्टू का भाई महेश ज्यादातर उसी दुकान के पास बैठकर शराब पीता था। वारदात के समय भी महेश उसी दुकान पर बैठा था। आरोप है जूस की दुकान की रंजिश में महेश पर जानलेवा हमला किया गया।