होटल के एक कमरे में बर्तन में आग जलाकर सात फेरे लेेकर विवाद करने की दलील देने वाले जोड़े के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है। कोर्ट ने होटल के कमरे में आग जलाकर सात फेरे लेने को विवाह मानने से इनकार करते हुए जोड़े पर 25000 रुपए का जुर्माना लगाते हुए कहा कि यह वैध विवाह समारोह नहीं है।
शादी करने वाली महिला की उम्र 20 साल है जबकि लड़के की उम्र 19 साल 5 महीने है। दोनों हरियाणा के पंचकुला के रहने वाले हैं। दोनों ही अपने परिवार के खिलाफ 26 सितंबर को यह शादी की थी। परिवार के खिलाफ जाकर शादी करने के बाद उनको खतरा महसूस होने लगा था ऐसे में वो खुद की सुरक्षा और स्वतंत्रता की मांग को लेकर हाई कोर्ट पहुंचे थे।
हाई कोर्ट पहुंचने वाले जोड़े के पास शादी के संबंध में ऐसा कोई भी सबूत नहीं है जिसे वो साक्ष्य के तौर पर अदालत में पेश कर सके। न ही कोई सर्टिफिकेट है और न ही शादी के दौरान की कोई फोटो है। जोड़े ने हाई कोर्ट के सामने दलील दी कि उन्होंने होटल के कमरे में बर्तन में आग जलाकर सात फेरे लिए थे और एक दूसरे को माला भी पहनाया था। वहां कोई मंत्र नहीं पढ़ा गया था।
जोड़ों की दलील सुनने के बाद हाई कोर्ट ने इस बात पर गौर किया है कि लड़के की उम्र शादी के लिए मान्य नहीं है। दोनों अपनी बातों से अदालत को गुमराह करने की कोशिश कर हैं। जिसके बाद अदालत ने याचिकार्ताओं पर 25000 रुपए का जुर्माना लगाया है।