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जीतेगा यूपीःसौगात की आस में काशीवासी, सीएम योगी ने पूर्वांचल में जगाई नई उम्मीद

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का काशी में हर माह एक दौरा जरूर हो जाता है लेकिन इस बार उनका आगमन काशीवासियों में नयी उम्मीद जगा रहा है। मौका है, रविवार को नदेसर स्थित होटल ताज गैंगेज में ‘हिन्दुस्तान पूर्वांचल सम्मान समारोह’ का। शाम 5.30 बजे से आयोजित समारोह के लिए शहर सजधज कर तैयार है। पहली बार होने जा रहे इस अनूठे आयोजन की शहर के सभी वर्गों में चर्चा है। लोगों में उत्साह भी देखा जा रहा है।

प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र होने के नाते मुख्यमंत्री का काशी के प्रति काफी गहरा लगाव है। इसलिए वह हमेशा यहां के विकास की चिंता करते हैं। विगत वर्षों में केंद्र व प्रदेश सरकार ने बनारस को केंद्र में रखते हुए पूर्वांचल के बहुआयामी विकास का खाका खींचा है। उसके परिणामस्वरूप आजमगढ़ और सोनभद्र में हवाई अड्डे का विकास हो रहा है। वाराणसी व गाजीपुर में जलपोत टर्मिनल का निर्माण कराया गया है। सरकार अपनी आगामी कार्ययोजना में मिर्जापुर व सोनभद्र को केन्द्रित करते हुए प्राकृतिक टूरिज्म की नीति भी तैयार कर रही है।

शहर के सभ्रांत लोगों का कहना है कि बनारस में इस तरह के आयोजन से निश्चित रूप से पूर्वांचल के विकास की संभावनाओं को नये पंख लगेंगे। पूर्वांचल की चुनौतियों से निपटने में सहायक सकारात्मक व दूरगामी सोच विकसित होगी। जानकारों की नजर में एमएसएमई सेक्टर, कृषि में निवेश को बढ़ावा देने की जरूरत है। जीआई उत्पादों के निर्यात की काफी संभावनाएं हैं। पूर्वांचल के औद्योगिक विकास का ढांचा तैयार करना होगा। हर जिले की राष्ट्रीय पहचान बनाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना होगा। सरकार इसके लिए सम्बंधित सेक्टर से जुड़े लोगों की मदद करे। सरकार का अर्थ गंगा प्रोजेक्ट आर्थिक स्थिति सुधारने में भी काफी मददगार साबित होगा। इससे उम्मीद जगी है कि भविष्य में गंगा पूर्वांचल के लोगों का जीवन बेहतर बनाएगी। ‘हिन्दुस्तान का आयोजन निश्चित ही इसमें चार चांद लगाएगा।

पूर्वांचल की शख्सियत

पद्मविभूषण पं. छन्नूलाल मिश्र (प्रख्यात शास्त्रीय उपशास्त्रीय गायक)

प्रख्यात शास्त्रीय एवं उपशास्त्रीय गायक पं. छन्नू लाल मिश्र काशी ही नहीं, देश की शान हैं। वर्ष 2020 में उन्हें पद्मविभूषण से अलंकृत किया गया। तब उन्होंने यह सम्मान नाददेव भगवान शिव को समर्पित किया था। पं. छन्नूलाल मिश्र को इससे पूर्व 31 मार्च 2010 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल ने पद्मभूषण से अलंकृत किया था। वह शास्त्रीय संगीत के चंद ऐसे कलाकारों में हैं जिन्हें पद्मश्री के बजाय सबसे पहले पद्मभूषण प्रदान किया गया। वह छोटा एवं बड़ा ख्याल, टप्पा, तराना तथा पारम्परिक लोक संगीत में दादरा, ठुमरी और होरी, चैती, चैता, कजरी, झूला, दादरा, घाटो, बारहमासा, सोहर आदि विधाओं में साधिकार गायन के लिए विख्यात हैं। संगीत की अनन्य सेवा के लिए उन्हें 23 मार्च 2013 को उत्तर प्रदेश सरकार ने यशभारती से सम्मानित किया था। 23 दिसंबर 2017 को अवधेश प्रताप विश्वविद्यालय रीवां, मध्य प्रदेश ने उन्हें डीलिट् की मानद उपाधि प्रदान की थी। इसके अतिरिक्त उन्हें संगीत शिरोमणि, संगीत मार्तंड, यूपी रत्न, पं. ओंकारनाथ स्मृति अवार्ड, संगीतश्री, गायनाचार्य, नाद भूषण, पं. रविशंकर स्मृति अवार्ड, कुमार गंधर्व स्मृति अवार्ड सम्मान प्रदान किए जा चुके हैं। एयर एंड स्पेस ऑडिटोरियम (वाशिंगटन डीसी) का ‘स्मिथसोनियन अवार्ड, बिहार सरकार का सार्जेंट शिरोमणि पुरस्कार, ‘संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, स्वामी हरिदास सम्मान, उस्ताद अल्लाउद्दीन खान सम्मान आदि सम्मान भी मिल चुके हैं।

ललित उपाध्याय (ओलम्पिक में भारतीय हॉकी टीम के सदस्य)

टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे ललित उपाध्याय शिवपुर के भगतपुर गांव से हैं। उन्होंने प्रख्यात खिलाड़ी मो. शाहिद की राष्ट्रीय खेल में ओलंपिक पदक की विरासत को आगे बढ़ाया है। मास्को ओलंपिक 1980 में मो. शाहिद के नेतृत्व में हॉकी टीम ने शानदार खेल दिखाते हुए गोल्ड मेडल जीता था। इसके 41 साल बाद टोक्यो ओलंपिक में टीम ने कांस्य पदक जीता। यह न केवल देश, बल्कि काशी के लिए भी खास उपलब्धि है। ललित उपाध्याय ने आठ साल की उम्र में साल 2003 से यूपी कॉलेज के मैदान में हॉकी खेलना शुरू किया था। वह मिट्टी का मैदान था। धीरे-धीरे वह आगे बढ़ते गए। जूनियर स्तर के अंतरराष्ट्रीय मैचों के बाद सीनियर टीम में चुने गए। साल 2014 और 2018 के हॉकी विश्वकप में हिस्सा लिया था। वर्ष 2014 और 2016 में चैंपियंस ट्राफी में भी देश का प्रतिनिधित्व किया। इन दोनों प्रतियोगिताओं में टीम ने सिल्वर मेडल जीता था। 2016 और 2018 में एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में वह टीम में रहे। टीम ने दो गोल्ड मेडल जीते। टोक्यो ओलंपिक के कुछ माह पहले अर्जेंटीना में टीम ने प्रो-लीग में जीत हासिल की थी। ललित प्रतिभाशाली गरीब बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए अब तक 300 किट नि:शुल्क वितरित कर चुके हैं।

बनारस में इस तरह के आयोजन से निश्चित रूप से पूर्वांचल में विकास की संभावनाएं और बढ़ेंगी। पूर्वांचल में विकास की सोच के साथ उनकी चुनौतियों से निपटने के लिए जो कार्यक्रम ‘हिन्दुस्तान’ अखबार की ओर से आयोजित हो रहा है उसके सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।-मृदुला जायसवाल, महापौर

कोरोना काल में पूर्वांचल ने विभिन्न चुनौतियों का डटकर सामना किया है। जनहित में प्रदेश सरकार के निर्णयों से विभिन्न वर्गों तक इसका लाभ भी पहुंचा है। आम लोगों व सरकार के मुखिया के साथ सीधा संवाद होना सच्चे लोकतंत्र की पहचान है। इस कार्यक्रम के लिए ‘हिन्दुस्तान’ परिवार को साधुवाद है।-पूनम मौर्या, अध्यक्ष जिला पंचायत

पूर्वांचल में एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने की जरूरत है। बनारस क्षेत्र में जीआई उत्पादों के निर्यात की काफी संभावनाएं हैं। यह खुशी की बात है कि ‘हिन्दुस्तान’ की ओर से ऐसा आयोजन हो रहा है जिसमें विकास के मुद्दों पर खुलकर चर्चा होगी। इस तरह के आयोजन से पूर्वांचल के औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। -अशोक गुप्ता, अध्यक्ष बनारस इंडस्ट्रियल एंड ट्रेड एसोसिएशन

सीएम योगी अक्सर आ रहे हैं। यह उनका शहर की प्रगति के प्रति प्रेम को दर्शाता है। उनका आगमन निरंतर बना रहा तो निश्चित ही काशी अपने एक अलग मुकाम पर पहुंच जाएगी। विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण सपना का साकार है। पीएम के सपनों को सीएम योगी साकार कर रहे हैं। ‘हिन्दुस्तान’ की पहल काफी सराहनीय है। – प्रो. टीएम महापात्रा, पूर्व निदेशक आईएमएस-बीएचयू

पूर्वांचल सम्मान समारोह के रूप में हिन्दुस्तान समाचार पत्र ने शानदार पहल की है। व्यक्तियों के रूप में यह उनका सम्मान है जिन्होंने कोरोना काल में अपनी निष्ठा, समर्पण और सेवाभावना से मानवता का नया इतिहास लिखा है। मुझे गर्व है कि मैं उन ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी बनूंगा जब हिन्दुस्तान समाचार पत्र द्वारा सामाजिक दायित्व के निर्वहन की पटकथा स्वर्णाक्षरों में लिखी जाएगी। -डॉ. जितेंद्रनाथ मिश्र, प्रख्यात समीक्षक