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डीएवी कॉलेज के रोल नंबर रोकने पर छात्रों का हंगामा, लाठीचार्ज

फरीदाबाद। एनआईटी-3 स्थित डीएवी शताब्दी कॉलेज में परीक्षा देने पहुंचे करीब 100 छात्र स्नातक स्तर के पहले सेमेस्टर की परीक्षा से वंचित रह गए। जीरो हाजिरी के कारण कॉलेज प्रशासन ने इन छात्रों को रोल नंबर ही जारी नहीं किया। छात्रों ने हंगामा किया तो कॉलेज प्रशासन ने पुलिस बुला ली। हालात इस कदर बिगड़े की पुलिस ने हंगामा कर रहे छात्रों को लाठियां भांजकर तितर-बितर किया। ऐसे में परीक्षा का पहला दिन हंगामेदार रहा। उधर, हाल ही में छात्र चुनाव में जीती एबीवीपी इकाई ने कॉलेज प्रशासन की कार्रवाई को सही ठहराते हुए खुद को मामले से अलग रखने की बात कही है।
बुधवार से स्नातक स्तर की पहली सेमेस्टर परीक्षा शुरू हुईं। ऐसे में विद्यार्थी परीक्षा देने पहुंचे थे। इनमें करीब सौ विद्यार्थी ऐसे थे, जिन्हें रोल नंबर जारी नहीं किया गया था। विद्यार्थियों ने इसका कारण पूछा तो कॉलेज प्रशासन ने स्पष्ट किया कि कक्षा में उनकी हाजिरी नहीं है। ऐसे में उनके रोल नंबर रोक लिए गए हैं। इस पर गुस्साए विद्यार्थियों ने कॉलेज परिसर में नारेबाजी शुरू कर दी। नारेबाजी कर रहे विद्यार्थियों का आरोप था कि विश्वविद्यालय स्तर से रोल नंबर जारी होने के बावजूद कॉलेज प्रशासन ने अपने स्तर पर कुछ चुनिंदा विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ किया है। दोपहर करीब साढ़े 12 बजे विद्यार्थियों ने हंगामा शुरू कर दिया।

एबीवीपी का हस्तक्षेप से इंकार
दूसरी पाली की परीक्षा इंतजाम में लगे हुए कॉलेज प्रशासन ने तुरंत मामले की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस आने पर भी छात्रों का हंगामा जारी रहा। विवाद इस कदर बढ़ा कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। पुलिस का सख्त रूप देख हंगामा कर रहे छात्र एबीवीपी पदाधिकारियों के पास पहुंचे, मगर उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप करने से साफ इंकार कर दिया। एबीवीपी के जिला संयोजक माधव रावत ने बताया कि संगठन ने इस मामले में दूरी बनाई है। माधव का कहना है कि कॉलेज प्रशासन गैर जिम्मेदार रवैया अपनाने वाले विद्यार्थियों के प्रति सख्त है। ऐसे में पढ़ाई से दूर रहने वाले छात्रों का एबीवीपी भी समर्थन नहीं करेगी।
कॉलेज प्रधानाचार्य डॉ. सतीश आहूजा का कहना है कि कॉलेज में कक्षा न लेने वाले छात्रों को ही रोल नंबर से वंचित रखा गया है। कॉलेज के करीब 400 विद्यार्थियों की डिफॉल्टर सूची तैयार की गई थी। समय-समय पर इन विद्यार्थियों को कॉलेज में कक्षा के बारे में सूचना भी भेजी गई। उसके बाद करीब 200 विद्यार्थियों ने शपथ पत्र लिखकर भविष्य में पूरी हाजिरी लगाने की बात कही तो उन्हें रोल नंबर जारी कर दिए गए। डॉ. सतीश आहूजा ने बताया कि केवल ऐसे विद्यार्थियों को ही रोलनंबर से वंचित रखा है जो किसी भी तरह पढ़ाई के लिए गंभीर नहीं हैं।