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बिहारः लोकसभा चुनाव में गठबंधन का फॉर्मूला तय, बराबर सीटों पर लड़ेंगे जदयू और भाजपा

पटना [जेएनएन]। बिहार में जदयू व भाजपा बराबर-बराबर सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। जहां तक सीटों की संख्‍या व किस सीट पर कौन लड़ेगा, की बात है, जल्‍दी ही इसका भी फैसला हो जाएगा। यह बड़ा ऐलान भाजपा के अध्‍यक्ष अमित शाह ने मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के साथ संयुक्‍त संवाददाता सम्‍मेलन के दौरान किया।

विदित हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीती रात से दिल्ली में हैं। वे वहां राजग के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। शुक्रवार को सबसे पहले उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई। इसके बाद वे अमित शाह से मिले। फिर दोनों नेताओं ने संयुक्‍त प्रेस कॉन्‍फ्रेंस की। लेकिन इसके बाद के राजनीतिक घटनाक्रम में रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे व नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव से मुलाकात तथा इसपर तेजस्‍वी के बयान ने नए कयासों को जन्‍म दे दिया है।

पीएम मोदी से की मुलाकात, फिर अ
 मित शाह से बात
मुख्यममंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार दोपहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गए। इसके बाद शाम में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलने उनके आवास पहुंचे। इस मुलाकात का एजेंडा राजग में सीट शेयरिंग ही था। इसके बाद दोनों नेताओं ने संयुक्‍त संवाददाता सम्‍मेलन में कहा कि सीट शेयरिंग अंतिम दौर में है। संवाददाता सम्‍मेलन में बड़ा एेलान यह हुआ कि भाजपा व जदयू समान सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।

संवाददाता सम्‍मेलन में अमित शाह ने कहा कि बिहार में राजग बड़ी ताकत बनकर उभेरगा। बिहार में जदयू व भाजपा की सीटों की संख्‍या समान होगी। गठबंधन के अन्‍य साथियों के लिए भी सम्‍मानजनक सीटें रहेंगी। संवाददाता सम्‍मेलन में उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया कि रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा सहित सभी घटक दल एकजुट हैं।

संवाददाता सम्‍मेलन में नीतीश कुमार ने कहा कि सीटों को लेकर लगभग सारी बातचीत हो चुकी है। जो कुछ बातें शेष हैं, उनपर बातचीत भी अंतिम दौर में है। पहले सीटों की संख्‍या तय हो जाएगी, फिर यह तय होगा कि कौन कहां से लड़ेगा।

अरवल में उपेंद्र कुशवाहा से मिले तेजस्‍वी
दिल्‍ली में अमित शाह व नीतीश कुमार के संवाददाता सम्‍मेलन के ठीक बाद अरवल के सर्किट हाउस में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे व बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव तथा रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा की बंद कमरे में मुलाकात हुई।

इस मुलाकात को कुशवाहा ने ‘संयोग’ करार दिया, लेकिन यह भी जोड़ा कि सीटों की संख्‍या तय होने के बाद वे कोई बयान दे सकेंगे। फिलहाल कुछ बोलना मुश्किल है। गौरतलब है कि कुशवाहा ने अमित शाह व नीतीश कुमार के बयान पर सहमति भी नहीं दी। उन्‍होंने यह नहीं कहा कि वे सीटों की संख्‍या को लेकर कोई त्‍याग करने को तैयार हैं।

तेजस्‍वी के बयान से बढ़ा सस्‍पेंस
कुशवाहा से मुलाकात पर तेजस्‍वी ने कहा कि बातचीत सकारात्‍मक रही। लेकिन यह बताना जरूरी नहीं कि क्‍या बात हुई। एक ही दिन में सबकुछ नहीं होता, धीरे-धीरे गाड़ी बढ़ती है। सबकुछ समय आने पर स्‍पष्‍ट हो जाएगा।

बलिदान को तैयार लोजपा
उधर, लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान के बेटे तथा पार्टी सांसद चिराग पासवान ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि भाजपा गठबंधन का सबसे बड़ा दल है तो नीतीश कुमार लोकप्रिय मुख्‍यमंत्री तथा बड़ा चेहरा हैं। इसलिए दोनों दलों के प्रमुख नेताओं के बयान का वे स्‍वागत करते हैं।

उन्होंने कहा कि बीते लोकसभा चुनाव से आज की स्थिति‍यां भिन्‍न है, इसलिए घटक दलों को बलिदान करना होगा। भाजपा को ज्‍यादा बलिदान करना होगा। जहां तक लोजपा की बात है, पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देाबारा प्रधानमंत्री बनाने के लिए बलिदान के लिए तैयार है।

देर शाम जदयू की हाई लेवल बैठक
इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जदयू की हाई लेवल बैठक में शामिल हुए। दिल्ली में हुई इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर, पार्टी के महासचिव केसी त्यागी तथा बिहार प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह शामिल रहे।

जदयू को बड़ा फायदा
विदित हो कि वर्तमान में बिहार की 40 लोकसभा सीटों में 33 पर राजग का कब्‍जा है। इनमें 22 सीटें भाजपा, छह लोजपा, तीन रालोसपा को मिली थीं। बाद में इसमें जदयू की दो सीटें भी आ मिलीं। असे देखते हुए जदयू को बड़ा फायदा होता दिख रहा है, जबकि भाजपा बड़े घाटे में रहेगी।

दिल्ली  एम्स भी गए थे मुख्यमंत्री
उपरोक्त राजनीतिक व्यस्तताओं के पहले मुख्यमंत्री शुक्रवार की सुबह सबसे पहले दिल्ली एम्स गए। नीतीश कुमार इन दिनों बीमार चल रहे हैं। उन्होंने 24 अक्टूबर को पटना के एम्स में इलाज कराया था। पिछले दिल्ली दौरे के दौरान भी नीतीश कुमार 18 सितंबर को दिल्ली एम्स गए थे।