सूत्रों के अनुसार, भाजपा, पीडीपी के साथ दोबारा गठजोड़ कर सकती है, लेकिन महबूबा मुफ्ती के बिना। इस विषय में राम माधव की प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता, सत शर्मा, सुनील शर्मा, राजीव जसरोटिया और बाली भगत के साथ करीब ढाई घंटे मैराथन बैठक भी चली। सूत्रों के अनुसार, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व को लेकर भाजपा में मतभेद हैं। इसलिए अगर पीडीपी की तरफ से महबूबा के बिना कोई प्रस्ताव आता है तो उस पर आगे बात हो सकती है।
इसलिए खास है यह दौरा
राम माधव के आगमन के बाद राज्य में भाजपा द्वारा दोबारा गठबंधन सरकार बनाने की अटकलें जोर नहीं पकड़तीं, अगर वह बीती रात पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद अहमद गनी लोन से मुलाकात करने के अलावा गुरुवार सुबह नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री गुलाम हसन मीर से करीब एक घंटे बैठक नहीं करते। गुलाम हसन मीर इस समय बेशक विधायक नहीं हैं, लेकिन वह माकपा विधायक मोहम्मद यूसुफ तारीगामी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के चेयरमैन एवं विधायक हकीम मोहम्मद यासीन के करीबी हैं। वह उनके साथ बीते कुछ समय से राज्य में एक तीसरे फ्रंट के गठन के प्रयास भी कर रहे हैं।
कश्मीर विवि में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर लगाए लगाम
सूत्रों ने बताया कि राम माधव ने नई दिल्ली लौटने से पूर्व कश्मीर विश्वविद्यालय के उपकुलपति और भाजपा एमएलसी रमेश अंबरदार से भी मुलाकात की। कश्मीर विश्वविद्यालय के उपकुलपति के साथ बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाने और मुख्यधारा की तरफ छात्रों को प्रेरित करने वाली अकादमिक व अन्य रचनात्मक गतिविधियों के संदर्भ में चर्चा की।
राम माधव ने सुबह कश्मीर रेंज के पुलिस आइजी एसपी पाणि और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा) मुनीर अहमद खान से भी मुलाकात की। उन्होंने राज्य पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ कश्मीर में जारी आतंकी हिंसा, 35ए के मुद्दे पर अलगाववादियों द्वारा हालात बिगाड़ने की साजिशों को नाकाम बनाने और निकट भविष्य में होने वाले पंचायत व स्थानीय निकायों के चुनावों के लिए तैयार किए जा रहे सुरक्षा कवच पर भी चर्चा की।