
समाज कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ प्रत्येक लाभार्थी तक नहीं पहुंच पा रहा है। राज्य में पिछले दो साल में करीब साढ़े चार हजार छात्र-छात्राओं को उनके हिस्से की छात्रवृत्ति की 2.10 करोड़ की रकम नहीं मिल सकी है। विभाग इसके पीछे की वजह ऑनलाइन ट्रांजेक्शन फेल होना बता रहा है।
समाज कल्याण विभाग की ओर से अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ी जाति, ईबीसी (अत्यंत पिछड़ा वर्ग), सामान्य श्रेणी के लिए पूर्वदशम (कक्षा 1 से 10वीं) और दशमोत्तर (11वीं ऊपर की कक्षा) के लिए छात्रवृत्ति योजना संचालित की जाती है। इसके लिए हर साल आवेदन मांगे जाते हैं। आवेदन से लेकर उनका सत्यापन, बजट रिलीज और खातों में रकम ट्रांसफर की प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। लेकिन इस प्रक्रिया में भी तमाम दिक्कतें आ रही हैं।
इनकी वजह से हर साल हजारों लाभार्थियों को उनके हिस्से का पैसा समय पर नहीं मिल पाता है। साल 2019-20 और 2020-21 में इन्हीं दिक्कतों की वजह से उत्तराखंड के स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले 4404 छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिल सकी। ऐसे में समाज कल्याण निदेशालय द्वारा सभी जिलों से रिपोर्ट मंगाने के बाद उसके आधार पर इस साल भुगतान करने की कवायद शुरू कर दी गई है। इन छात्रों को दो करोड़ 10 लाख 99 हजार 971 रुपये दिए जाने हैं।
अल्मोड़ा, हरिद्वार और नैनीताल में अधिक मामले
ट्रांजेक्शन फेल होने के मामले अल्मोड़ा, हरिद्वार और नैनीताल में सबसे अधिक हैं। अल्मोड़ा के 2064, नैनीताल के 743 और हरिद्वार के 742 छात्रों को छात्रवृत्ति का पैसा नहीं मिला है।
कहां कितने छात्रों को नहीं मिली छात्रवृत्ति
जिला पूर्वदशम के लाभार्थी दशमोत्तर के लाभार्थी
अल्मोड़ा 2059 05
नैनीताल 485 258
हरिद्वार 283 459
चमोली 246 33
चम्पावत 99 32
उत्तरकाशी 05 137
यूएस नगर 236 99
देहरादून 00 08
2019-20 और 2020-21 में ट्रांजेक्शन फेल व अन्य कारणों के चलते कई लाभार्थियों को छात्रवृत्ति न मिल पाने की जानकारी मिली है। जिलों से आंकड़ा लेकर संबंधित लाभार्थियों को छात्रवृत्ति का पैसा देने की कार्रवाई जल्द शुरू की जाएगी।