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राजस्थान: भाजपा को बड़ा झटका, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह कांग्रेस में शामिल

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 के लिए एक हफ्ते बाद मतदान होने हैं। ऐसे वक्त में नौ बार विधायक रह चुकीं और झुंझुनूं से कद्दावर जाट नेता सुमित्रा सिंह ने गुरूवार को कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। सुमित्रा सिंह मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पहले कार्यकाल में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष रह चुकी हैं। सुमित्रा का कांग्रेस में शामिल होना भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

सुमित्रा सिंह ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर सिंह ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिव पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव अविनाश पांडे की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।

सुमित्रा सिंह कद्दावर जाट नेता

सुमित्रा सिंह झुंझुनूं क्षेत्र की कद्दावर जाट नेता हैं। साल 2013 में भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर सुमित्रा सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था जिसके बाद पार्टी ने उन्हें बाहर कर दिया था। इस बार चुनावी से ठीक पहले उनके कांग्रेस में शामिल होने से झुंझुनूं सीट पर राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।

भाजपा प्रत्याशी को लेकर सुमित्रा ने जताई थी नाराजगी

इससे पहले सुमित्रा सिंह इस बार झुंझुनूं से भाजपा प्रत्याशी को लेकर नाराजगी जता चुकी थीं। सुमित्रा सिंह ने कहा था, “मुझे टिकट नहीं मिला तो कोई बात नहीं, लेकिन पार्टी अपने किसी कार्यकर्ता को टिकट देती तो अच्छा होता। भाजपा ने टिकट देने के बाद प्रत्याशी को पार्टी में शामिल किया है। मैं झुंझुनूं में ऐसे उम्मीदवार का साथ दूंगी जो भाजपा प्रत्याशी को हराने की क्षमता रखता हो।”

सुमित्रा का कांग्रेस का हाथ थामना भाजपा के लिए बड़ा झटका है

सुमित्रा सिंह प्रदेश की कद्दावर नेताओं में से एक मानी जाती हैं। वे नौ बार विधानसभा के लिए निर्वाचित हो चुकी हैं। सुमित्रा सिंह विधानसभा की पहली महिला अध्यक्षा हैं। वे 1957 में पिलानी से कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित होकर पहली बार विधायक बनीं। उसके बाद 1962 से लगातार चार बार झुंझुनूं से विधायक का चुनाव जीता। 1985 में इंडियन नेशनल लोकदल, 1990 में जनता दल के उम्मीदवार के रूप में और उसके बाद पिलानी से तथा 1998 में निर्दलीय और 2003 में भाजपा के टिकट पर झुंझुनू से विधायक बनीं।

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