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“परमिट रद्द, आर्थिक बोझ”: कनाडा के नए वीज़ा नियमों से भारतीय छात्रों पर असर

कनाडा ने अवैध प्रवास को रोकने के लिए अपने इमिग्रेशन और वीज़ा नीतियों को कड़ा कर दिया है, जिससे हजारों भारतीय छात्रों पर असर पड़ रहा है। 31 जनवरी 2025 से लागू हुए नए इमिग्रेशन और रिफ्यूजी प्रोटेक्शन नियमों (IRPR) के तहत कई छात्रों को स्टडी परमिट रद्द होने, वीज़ा आवेदन पर सख्त जांच और प्रस्थान नियमों के सख्त प्रवर्तन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

भारतीय छात्रों के लिए नई चुनौतियां

1. स्टडी परमिट रद्द होने का खतरा

नए नियमों के तहत, अगर किसी छात्र का स्टडी परमिट रद्द होता है, तो उसकी पढ़ाई अधूरी रह सकती है या वह ग्रेजुएशन के बाद वर्क परमिट नहीं ले पाएगा।

इमिग्रेशन, रिफ्यूजी और सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) के अनुसार, 2025 में लगभग 7,000 स्टडी परमिट रद्द होने की संभावना है। इस निर्णय से 4.27 लाख भारतीय छात्र प्रभावित हो सकते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसी छात्र का स्टडी परमिट रद्द होता है, तो उसे कनाडा छोड़ना पड़ सकता है, जब तक कि वह अपील नहीं कर लेता। हालांकि, कानूनी अपील की लागत C$1,500 (लगभग ₹92,000) से शुरू होती है, और सफलता की कोई गारंटी नहीं होती।

2. वीज़ा आवेदन और वर्क परमिट में सख्ती

फॉरेन एडमिट्स के संस्थापक निखिल जैन के अनुसार, “हमारे कई ग्राहक, जो शैक्षणिक रूप से उत्कृष्ट थे, उनके भी परमिट रद्द कर दिए गए हैं। कनाडा अब ‘वेलकमिंग’ से ‘संदेहपूर्ण’ बन गया है, और छात्रों को तेजी से नए नियमों के अनुसार खुद को ढालना होगा।”

3. वित्तीय बोझ बढ़ा

कनाडा के नए इमिग्रेशन बदलाव

कनाडा सरकार ने अवैध प्रवास रोकने के लिए कई अहम बदलाव किए हैं:

भारतीय छात्रों पर प्रभाव

कनाडा में इस समय 4.2 लाख से अधिक भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। ये छात्र कनाडा की अंतरराष्ट्रीय छात्र आबादी का 35-40% हिस्सा बनाते हैं। नए वीज़ा नियमों से न केवल छात्रों, बल्कि भारतीय कर्मचारियों और अस्थायी निवासियों पर भी असर पड़ेगा।

कनाडा भारतीय छात्रों, श्रमिकों और कानूनी प्रवासियों के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्यों में से एक रहा है, लेकिन हाल के नियमों के कड़े होने से भविष्य में कनाडा जाना और कठिन हो सकता है।

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