मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को दोपहर में करीब सवा घंटे विधान परिषद में भी रहे। उस दौरान सपा के आनन्द भदौरिया द्वारा इंवेस्टर्स समिट में एलईडी लाइट व गमलों की खरीद में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि रिवर फ्रंट जैसा घोटाला हमारी सरकार में नहीं हुआ। यह घोटाला करने वाले हमें ईमानदारी सिखा रहे हैं। हमने लूट-खसोट बंद की है।
उन्होंने कहा कि इंवेस्टर्स समिट ने यूपी के परसेप्सन को बदला है। जब भ्रष्टाचार पर बहस होगी तो पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के बारे में चर्चा होगी। पूर्व की सरकार में यही एक्सप्रेस वे 16 हजार करोड़ रुपये में पूरा होने जा रहा था, जबकि हमारी सरकार पूर्ववर्ती सरकार से ज्यादा चौड़े पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को 11 हजार करोड़ में ही पूरा करने जा रही है। अब यह जांच का विषय होना चाहिए कि पांच सौ करोड़ का यह अन्तर कहां जाता। कहा, हम जनता की जेब पर डकैती डालने का अधिकार किसी को नहीं देंगे।
इस पर नेता विपक्ष अहमद हसन ने मुख्यमंत्री के बयान के जवाब में कहा कि दो साल में इस सरकार ने कोई काम नहीं किया। जो जांच कराईं, उनमें भी कोई नतीजा नहीं निकला। इस सरकार में जितना भ्रष्टाचार हुआ, किसी और सरकार में नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि आगरा एक्सप्रेस वे में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ। देवरिया शेल्टर होम की अब तक जांच नहीं हुई।
शिक्षक भर्ती में खुली बेईमानी हुई। जो एग्जाम में नहीं बैठे, वे भी पास हो गए। कोई भी जांच करा लीजिए लेकिन कार्रवाई भी करिए। हमने तो लाखों शिक्षक भर्ती किए और युवाओं को रोजगार दिए। राजभवन के सामने खुलेआम लूट और हत्या हो जाती है। बुलंदशहर में मुख्य अभियुक्त गिरफ्तार हो जाता तो आपकी छवि आसमान को छू लेती।
योगी आदित्यनाथ ने कहा ‘रिवर फ्रंट जैसा घोटाला हमारी सरकार में नहीं हुआ। यह घोटाला करने वाले हमें ईमानदारी सिखा रहे हैं। हमने लूट-खसोट बंद की है।’
मंदिर तोड़ने को लेकर कांग्रेस का वॉकआउट-
प्रदेश सरकार द्वारा काशी विश्वनाथ गलियारे के नाम पर वाराणसी में मंदिर को ध्वस्त करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस सदस्यों ने विधानसभा से वाकआउट किया। सदन जैसे ही 11 बजे बैठा, कांग्रेस सदस्यों ने विधानसभा से वाकआउट किया। सदन जैसे ही 11 बजे बैठा, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने नियम 311 के तहत इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की। अध्यक्ष की अनुमति न मिलने पर वे बहिर्गमन कर गए।