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मराठा आरक्षण की मांग को लेकर एक और व्यक्ति ने फांसी लगाई

मुंबई। महाराष्ट्र के बीड़ जिले में एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। राज्य में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर पांच लोग आत्महत्या कर चुके हैं, जबकि एक की मौत हिंसा के दौरान घायल होने से हुई है। मराठा संगठनों ने अपनी मांग के समर्थन में नौ अगस्त को मेगा रैली आयोजित करने की घोषणा की है।

खेज तहसील के वीदा गांव के 35 वर्षीय अभिजीत देशमुख ने अपने घर के पास एक पेड़ में फंदा डालकर जान दे दी। बीड़ के एसपी जी श्रीधर ने कहा, ‘हमने एक सुसाइड नोट पाया है जिसमें उसने कहा है कि वह मराठा आंदोलन की मांग के समर्थन में यह कदम उठा रहा है।’ दूसरे पुलिस अधिकारी ने कहा कि नोट में आत्महत्या के अन्य कारणों बेरोजगारी और बैंक के कर्ज का भुगतान नहीं होने का उल्लेख किया है।

पुलिस ने बताया कि 29 जुलाई को नांदेड़ जिले के धाबाद गांव में काचरू कल्याणे नामक व्यक्ति ने अपने घर में पंखे से फांसी लगा ली थी। उसने सुसाइड नोट में लिखा था कि वह मराठा आरक्षण मांग के समर्थन में अपनी जिंदगी खत्म कर रहा है। इसी मुद्दे पर 29 जुलाई को ही औरंगाबाद में प्रशासनिक सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे 28 वर्षीय प्रमोद होरे पाटिल ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दी। पिछले सप्ताह भी औरंगाबाद में दो लोगों ने आत्महत्या की थी। इसके अलावा नवी मुंबई में मराठा आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा में घायल प्रोफेसर की मौत 26 जुलाई को हो गई।

शिवसेना ने मराठा, धनगढ़ और कोली के लिए आरक्षण की मांग की

सत्ता में भाजपा की साझीदार शिवसेना ने महाराष्ट्र सरकार से मराठा, धनगढ़ और कोली को आरक्षण देने की मांग की है। पार्टी ने कहा है कि ऐसा नहीं करने पर राज्य बनाना रिपब्लिक हो जाएगा। पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है कि मराठा समुदाय को आरक्षण दे दिया तो अन्य भी सड़कों पर उतर आएंगे और नई समस्या खड़ी हो जाएगी। इसलिए सरकार को सभी समुदायों की मांग पर फैसला लेना चाहिए।

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