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इन 3 कॉलेजों से होगी शुरुआत, बिहार में पहली बार कृषि क्षेत्र में होगी प्रबंधन, इंजीनियरिंग और बायोटेक की पढ़ाई

बिहार के तीन नए कृषि कॉलेजों में पढ़ाई अगले सत्र से शुरू होगी। ये तीनों कॉलेज कृषि क्षेत्र में नई विधा की पढ़ाई करेंगे। कृषि क्षेत्र में पहली बार राज्य में प्रबंधन, इंजीनियरिंग और बायोटेक की पढ़ाई होगी। इसके लिए भवन की व्यवस्था सरकार ने कर दी है। इन तीनों कॉलेजों में अगले सत्र से छात्रों का नामांकन लिया जाएगा। ए तीनों कॉलेज बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अधीन संचालित होंगे।

राज्य सरकार ने तीन नए कृषि कॉलेजों की मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद ही कृषि सचिव डॉ. एन. सरवण कुमार ने सारी व्यवस्था तुरंत कर दी। जमीन से लेकर फैकल्टी तक की व्यवस्था कर दी गई है। अब सरकार का फैसला अगले सत्र से ही जमीन पर उतर जाएगा। तीनों कॉलेजों में मार्च से शुरू होने वाले सत्र में साठ-साठ छात्रों का नामांकन होगा। हालांकि इन तीनों नई विधाओं की पढ़ाई बिहार में पहली बार होगी, लिहाजा सीटों की संख्या छात्रों की उपलब्धता के आधार पर पहले सत्र में कम भी की जा सकती है।

पटना में कृषि प्रबंधन कॉलेज खुलना है। मीठापुर स्थित एआरआई परिसर में यह कॉलेज चलेगा। इस संस्थान की 25 एकड़ जमीन को विभाग ने कॉलेज को आवंटित कर दिया। इसी के साथ अगर और जरूरत पड़ेगी तो मीठापुर फार्म की बची जमीन का इस्तेमाल किया जा सकेगा। एआरआई के निदेशक एचडी सिंह को ही इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है।

भोजपुर में खुलने वाला राज्य का पहला कृषि अभियंत्रण कॉलेज फिलहाल डुमरांव के कृषि कॉलेज में ही चलेगा। उसके लिए जल्द ही कुछ और जमीन की व्यवस्था होगी। लेकिन अगले सत्र से नामांकन को रोका नहीं जाएगा। शिक्षण कार्य के लिए कृषि कॉलेज के ही भवन का इस्तेमाल होगा। इसके अलावा भागलपुर में कृषि बायोटेक का कॉलेज सबौर कॉलेज में खुलेगा। भागलपुर में तो जमीन और भवन की कोई कमी नहीं है। वहां हर विधा के शिक्षक भी उपलब्ध हैं लिहाजा वहां भी अगले सत्र से नामांकन होगा।

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