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इनेलो को एक और झटका, पूर्व स्पीकर ने छोड़ी पार्टी, ये थी बड़ी वजह

पानीपत। लगातार कार्यकर्ताओं की नाराजगी झेल रहे अभय चौटाला को एक और बड़ा झटका लगा है। इस बार पार्टी वरिष्ठ और ओम प्रकाश चौटाला के करीबी माने जाने वाले नेता ने ही इस्तीफा दे दिया। हालांकि पहले खुद ही उन्होंने चौटाला परिवार में चल रहे विवाद को जल्द खत्म कराने की बात कही थी। आखिर अब उन्होंने ऐसा निर्णय क्यों लिया, जानने के लिए पढ़ें दैनिक जागरण की ये खबर।

चौटाला परिवार में चल रहे विवाद के बाद अब इनेलो टूटने के कगार पर है। आए दिन कई कार्यकर्ता दुष्यंत चौटाला के समर्थन में पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं। इस बार इनेलो को पानीपत से बड़ा झटका लगा है। पूर्व स्पीकर सतबीर सिंह  कादियान ने चार सौ कार्यकर्ताओं के साथ सामूहिक इस्तीफा दे दिया।

जो होगा देखा जाएगा, मैं दुष्यंत के साथ: कादियान
पूर्व स्पीकर सतबीर सिंह कादियान ने प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि अब मैं दुष्यंत चौटाला के साथ हूं, अब जो होगा देखा जाएगा। इनेलो की तरफ कभी भी रुख नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, नौ दिसंबर को पांडु पिंडारा में होने वाली रैली में दुष्यंत पार्टी की घोषणा करेंगे।

ओम प्रकाश चौटाला के नाम भेजा इस्तीफा
उन्होंने अपने इस्तीफे इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला के नाम भेज दिए। उन्होंने अपने इस्तीफों में लिखा कि वे पूर्व सांसद डॉ. अजय चौटाला, हिसार के युवा सांसद दुष्यंत चौटाला और इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला को पार्टी से निष्कासित करने के फैसले से आहत हैं।

कार्यकर्ता को है अपने नेता की पहचान
पूर्व स्पीकर ने कहा कि सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने सांसद दुष्यंत चौटाला में विश्वास जताया है। वे सब 9 दिसंबर को जींद के पांडू ङ्क्षपडारा में आयोजित रैली में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इनेलो में अब दलबदलू रह गए हैं। ये लोग कुछ नेताओं की चमचागिरी कर राजनीतिज्ञ मुकाम हासिल करना चाहते हैं, लेकिन प्रदेश की जनता उनको असलियत दिखा देगी। उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष सुरेश काला दोनों हाथों में लड्डू लेकर घूम रहे हैं। वे कभी अजय चौटाला की बैठकों में शामिल होते हैं तो कभी अभय चौटाला के साथ खड़े मिलते हैं। जिला के कार्यकर्ता और पदाधिकारी उनको समझ गए हैं।

सतबीर कादियान का टिकट काट निशान मलिक को दिया था 
पूर्व स्पीकर सतबीर सिंह कादियान पहले नौल्था और फिर पानीपत ग्रामीण हलका से इनेलो के प्रबल दावेदार रहे हैं। 2009 में उनके बजाय उनकी पत्नी बिमला कादियान को पानीपत ग्रामीण से टिकट दिया था, लेकिन वे हार गई थी। 2014 में पूर्व स्पीकर के पुत्र देवेंद्र सिंह कादियान ने टिकट की तैयारी की थी। वे 2009 के चुनाव में हार के कारणों को दूर कर रहे थे। उन्होंने ग्रामीण हलके में पूरे पांच वर्ष तक जनसंपर्क किया। देवेंद्र ङ्क्षसह कादियान का पहले ही झटके में टिकट काटकर निशान सिंह मलिक को टिकट दे दिया था। देवेंद्र ने उस वक्त पार्टी से इस्तीफा देने की बात कही थी, लेकिन कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला से मिलकर टिकट बदलवाने का विश्वास दिया था, पर चौटाला परिवार ने टिकट नहीं बदली। देवेंद्र सिंह कादियान ने इस बार भी पानीपत ग्रामीण हलका से अपनी तैयारी कर रखी है।

इन्होंने दिया इस्तीफा
पूर्व स्पीकर सतबीर सिंह कादियान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष फूलवति, पूर्व जिला प्रधान सुरेंद्र कालखा, सैनिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष सुबेदार प्रताप, पूर्व युवा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र धोला, जिला प्रवक्ता एडवोकेट शेर सिंह खर्ब, खेल प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष बिजेंद्र कादियान, इसराना हलका के पूर्व प्रधान गुरचरण, सुखबीर सिंह ढांडा, सतबीर खर्ब, राजसिंह, महेंद्र शेरा, हरलाल मलिक, सरताज कुंडू, सुभाष शर्मा, राजेंद्र महावटी, धर्मबीर राठी, सुरेंद्र शर्मा, सज्जन सिंह, राजबीर कुराना, राजपाल फौजी, भीम सिंह अहर, रणबीर पुनिया, कृष्ण चंदौली, विकास चंदौली, मास्टर जयसिंह, रविंद्रमीना, कप्तान जागलान, लक्ष्मी जागलान, शकुंतला, हरिचंद बांध और बलवान देशवाल समेत करीब 400 पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दिया।

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