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बंगाल में SIR विवाद बढ़ा: TMC के आरोपों पर ECI का जवाब, BLOs को ‘प्रभावित या धमकाने’ से रोका

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के Special Intensive Revision (SIR) को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) और चुनाव आयोग (ECI) के बीच विवाद और तीखा हो गया है। शुक्रवार को आयोग ने TMC के आरोपों का बिंदुवार जवाब देते हुए पार्टी को चेतावनी दी कि वह बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) के कामकाज में दखल न दे और न ही उन्हें धमकाए या प्रभावित करे।

10 सदस्यीय TMC प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई बैठक में दोनों पक्षों के बीच कड़े शब्दों में बहस हुई और तनाव पहले से और बढ़ गया।


ECI का TMC को स्पष्ट संदेश

आयोग के अधिकारियों के अनुसार, TMC द्वारा लगाए गए “हर निराधार आरोप” का जवाब देते हुए यह कहा गया कि—

ECI ने साफ कहा कि TMC को मृत, स्थानांतरित या डुप्लीकेट मतदाताओं के मामले में BLOs पर दबाव नहीं डालना चाहिए।


हालिया घटनाओं पर ECI की सख्त कार्रवाई

कोलकाता पुलिस को मौजूदा और प्रस्तावित दोनों परिसरों को पूर्ण सुरक्षा देने को कहा गया है।


क्यों SIR बना बंगाल में राजनीतिक टकराव का केंद्र?

TMC का आरोप है कि SIR प्रक्रिया में—

शुक्रवार की बैठक के बाद TMC ने आयोग के जवाब को “स्पष्ट झूठ” करार दिया, जिससे विवाद और गहराया।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हाल ही में इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त कर चुकी हैं। BLOs की मौत और ओवरवर्क के दावों के बाद TMC ने आयोग से विशेष बैठक की मांग की थी, लेकिन अब हालात और बिगड़ते दिख रहे हैं।


TMC ने पार्टी ढांचे में भी की सख्ती

ECI के साथ टकराव के समानांतर, TMC ने जमीनी स्तर पर SIR की निगरानी बढ़ाने के लिए बड़ा संगठनात्मक फेरबदल किया है।

अभिषेक बनर्जी ने—

सूत्रों के अनुसार, श्रम मंत्री मलय घटक और विधायक मनोज तिवारी सहित कुछ नेताओं की कमज़ोर मौजूदगी पर नाराजगी जताई गई है।

अभिषेक बनर्जी ने एक रिपोर्ट ममता बनर्जी को सौंप दी है और 6 दिसंबर को दूसरी रिपोर्ट पेश करेंगे।


बंगाल में 2026 के चुनावी चक्र की तैयारी के बीच यह विवाद राजनीतिक तनाव का बड़ा केंद्र बन गया है। चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और राजनीतिक दखल के बीच अब टकराव और तेज़ होने की आशंका है।

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