
निकोसिया — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडूलाइड्स के साथ शिखर वार्ता के बाद भारत-साइप्रस साझेदारी को साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और कानून के शासन पर आधारित बताया। दोनों नेताओं ने रक्षा, सुरक्षा, तकनीक, ऊर्जा, सांस्कृतिक सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जैसे अनेक अहम क्षेत्रों में सहयोग को गहराने का संकल्प लिया।
पीएम मोदी की यह यात्रा बीते दो दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली साइप्रस यात्रा है। इस अवसर पर राष्ट्रपति क्रिस्टोडूलाइड्स ने प्रधानमंत्री मोदी को साइप्रस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III’ से सम्मानित किया। इस सम्मान को पीएम मोदी ने 1.4 अरब भारतीयों के लिए गर्व की बात बताया।
रक्षा और समुद्री सहयोग होगा मजबूत
वार्ता में दोनों देशों ने रक्षा और समुद्री सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने, संयुक्त नौसैनिक अभ्यास करने और साइबर सुरक्षा में साझेदारी बढ़ाने पर सहमति जताई। भारत और साइप्रस मिलकर आतंकवाद से लड़ाई के लिए एक रियल-टाइम सूचना विनिमय तंत्र विकसित करेंगे।
आतंकवाद के खिलाफ साझा संकल्प
साइप्रस ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए भारत को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की। दोनों नेताओं ने आतंकवाद के लिए ‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति को दोहराते हुए कहा कि आतंक के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाना अनिवार्य है।
आर्थिक साझेदारी और IMEC कॉरिडोर पर जोर
भारत-मध्य-पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) को दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय शांति और समृद्धि के लिए एक परिवर्तनकारी पहल बताया। साइप्रस ने भारत के साथ अपने समुद्री और लॉजिस्टिक्स सहयोग को बढ़ाने और भारतीय कंपनियों को साइप्रस में व्यापारिक उपस्थिति बढ़ाने के लिए आमंत्रित किया।
दोनों देशों ने इस वर्ष के अंत तक भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (EU-India FTA) को अंतिम रूप देने की प्रतिबद्धता जताई।
संयुक्त राष्ट्र सुधार पर सहमति
दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि परिषद को मौजूदा भू-राजनीतिक चुनौतियों के अनुसार अधिक प्रतिनिधि और प्रभावी बनाना जरूरी है। साइप्रस ने भारत की स्थायी सदस्यता के लिए फिर से अपना समर्थन दोहराया।
संयुक्त कार्य योजना और सांस्कृतिक संबंध
भारत और साइप्रस अगले पांच वर्षों के लिए एक संयुक्त कार्य योजना तैयार करेंगे, जिसमें विदेश मंत्रालयों के नेतृत्व में दोनों देशों के बीच सहयोग के सभी क्षेत्रों की निगरानी और क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने साइप्रस में योग और आयुर्वेद की बढ़ती लोकप्रियता की सराहना की और सांस्कृतिक जुड़ाव को और सशक्त बनाने की बात कही।
भविष्य की पहलें और रणनीतिक दृष्टिकोण
साइप्रस ने यूरोपीय संघ की अपनी आगामी अध्यक्षता के दौरान भारत-ईयू संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। दोनों पक्षों ने समुद्री, हरित ऊर्जा, अंतरिक्ष और नवाचार जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडलों और निवेश मंचों के आयोजन पर सहमति जताई।
राष्ट्रपति क्रिस्टोडूलाइड्स ने कहा कि साइप्रस भारत के लिए यूरोप में प्रवेश द्वार की भूमिका निभाने को तैयार है। पीएम मोदी ने इस यात्रा को भारत-साइप्रस संबंधों में “एक नए युग की शुरुआत” बताते हुए कहा कि दोनों देशों की साझेदारी ऐतिहासिक विरासत, साझा मूल्य और आपसी विश्वास पर आधारित है।