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अरुणाचल की महिला की शंघाई एयरपोर्ट पर हिरासत का मामला भारत ने चीन के समक्ष ‘कड़े तौर’ पर उठाया: विदेश मंत्रालय

नई दिल्ली — विदेश मंत्रालय ने कहा है कि शंघाई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अरुणाचल प्रदेश की एक भारतीय महिला को हिरासत में लिए जाने के मामले को भारत ने चीन के सामने “कड़े रूप से” उठाया है। चीन ने उनके भारतीय पासपोर्ट को यह कहते हुए मान्य करने से इनकार कर दिया कि उनका जन्म स्थान अरुणाचल प्रदेश है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने स्पष्ट कहा,

“अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। यह स्वयं स्पष्ट तथ्य है और चीनी पक्ष के किसी भी इनकार से इस सच्चाई में कोई बदलाव नहीं आएगा।”

18 घंटे से अधिक हिरासत में रही भारतीय नागरिक

यह मामला तब सामने आया जब भारतीय नागरिक प्रेमा वांगजॉम थोंगडोक ने 23 नवंबर 2025 को सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्हें 21 नवंबर को 18 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया।

उन्होंने बताया,

“चीन के इमिग्रेशन और एयरलाइन अधिकारियों ने कहा कि मेरा भारतीय पासपोर्ट अवैध है क्योंकि मेरा जन्म स्थान अरुणाचल प्रदेश है, जिसे वे चीनी क्षेत्र बताते हैं।”

प्रेमा जापान के लिए ट्रांजिट में थीं, तभी यह घटना हुई।

भारत का कड़ा विरोध, नियमों के उल्लंघन का आरोप

भारत सरकार ने इस कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा से जुड़े कई नियमों का उल्लंघन बताया है।
जायसवाल ने कहा कि चीनी अधिकारियों ने अब तक अपने इस कदम की कोई संतोषजनक व्याख्या नहीं की है।

उन्होंने यह भी कहा कि चीन के अपने नियम भी 24 घंटे तक वीज़ा-फ्री ट्रांजिट की अनुमति देते हैं, ऐसे में यह कदम उनकी नीति के भी खिलाफ है।

भारत-चीन संबंधों के बीच संवेदनशील मुद्दा

घटना ऐसे समय में सामने आई है जब हाल ही में पांच साल बाद शंघाई- दिल्ली सीधी उड़ान सेवा पुनः शुरू हुई है और दोनों देशों के बीच कूटनीतिक गतिविधियाँ धीरे-धीरे बहाल हो रही हैं।

भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि उसकी क्षेत्रीय संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।

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