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अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ भारत-चीन को मिलकर करना चाहिए सामना: चीनी दूतावास

नई दिल्ली: अमेरिकी टैरिफ नीतियों के खिलाफ भारत और चीन को एकजुट होकर काम करना चाहिए, ऐसा बयान मंगलवार को भारत स्थित चीनी दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को वैश्विक दक्षिण (Global South) के विकास अधिकारों की रक्षा के लिए मिलकर खड़ा होना चाहिए।

यू जिंग ने सोशल मीडिया मंच X पर कहा, “चीन-भारत आर्थिक और व्यापारिक संबंध परस्पर पूरकता और पारस्परिक लाभ पर आधारित हैं। अमेरिका द्वारा टैरिफ के दुरुपयोग के बीच, दुनिया के दो सबसे बड़े विकासशील देशों को मिलकर इन कठिनाइयों का सामना करना चाहिए।”

चीनी प्रवक्ता ने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को विकासशील देशों के विकास अधिकारों का उल्लंघन बताया और कहा कि ऐसे संरक्षणवादी कदम वैश्विक दक्षिण के लिए नुकसानदेह हैं।

उन्होंने कहा, “टैरिफ और व्यापार युद्ध का कोई विजेता नहीं होता। सभी देशों को व्यापक परामर्श, सच्चे बहुपक्षवाद और संरक्षणवाद के हर रूप का सामूहिक विरोध करना चाहिए।”

यू जिंग के बयान में यह भी कहा गया कि चीन की अर्थव्यवस्था उसकी मजबूत औद्योगिक प्रणाली, अनुसंधान और नवाचार में निवेश के चलते लचीलापन बनाए हुए है। “चीनी विनिर्माण एक पूर्ण और लगातार उन्नत हो रही औद्योगिक प्रणाली पर आधारित है, जो आरएंडडी और नवाचार पर निरंतर ध्यान केंद्रित करता है,” उन्होंने कहा।

प्रवक्ता ने यह भी दोहराया कि चीन बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था और वैश्विक सहयोग का मजबूत समर्थक है। “चीन आर्थिक वैश्वीकरण और बहुपक्षवाद का दृढ़ रक्षक है, जिसने वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत प्रेरणा दी है। चीन विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नेतृत्व में बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा के लिए विश्व के अन्य देशों के साथ काम करता रहेगा।”

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