
ग्रेटर नोएडा में गंगाजल लाने के लिए चिटहेरा गांव में ईस्टर्न पेरिफेरल के नीचे से पाइपलाइन निकालने में आ रही समस्या अब खत्म हो गई है। साथ ही देहरा से लेकर ग्रेटर नोएडा तक गंगाजल की सभी पाइप लाइनें जोड़ दी गई हैं। देहरा स्थित प्लांट की टेस्टिंग पहले हो चुकी है। अब फाइनल टेस्टिंग जल्द शुरू हो जाएगी। इससे 15 साल से गंगाजल का इंतजार कर रहे शहर के लोगों को नए साल का तोहफा मिलना तय हो गया है।
85 क्यूसेक गंगाजल लाने का प्रस्ताव 2005 में ही बना था
ग्रेटर नोएडा में गंग नहर के जरिये 85 क्यूसेक गंगाजल लाने का प्रस्ताव 2005 में बना, लेकिन तमाम अड़चनों के चलते अगले 10 साल में भी इस परियोजना पर कुछ खास काम नहीं हो सका और 2016 तक गंगाजल पहुंचाने का लक्ष्य बहुत पहले पीछे छूट गया। 2017 के बाद करीब 800 करोड़ रुपये की इस परियोजना को पूरा करने में तेजी आई और 2019 में ग्रेटर नोएडा तक गंगाजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया। इस बीच वन विभाग, सिंचाई विभाग, एनटीपीसी व किसानों से जमीन विवाद भी काम रुका, लेकिन इन दिक्कतों को भी जल्द सुलझा लिया गया। हालांकि इन वजहों अगस्त 2021 में ग्रेटर नोएडा तक गंगाजल लाने का लक्ष्य पूरा नहीं किया जा सका। वहीं, आईओसीएल व गेल की गैस पाइप लाइन के चलते भी कुछ समय के लिए काम रुका रहा।इसका पटाक्षेप अगस्त 2021 में तब हुआ जब सीईओ नरेंद्र भूषण ने इन केंद्रीय विभागों से एनओसी के लिए खुद कमान संभाली। संबंधित अधिकारियों से कई दौर की वार्ता कर इस मसले को सुलझाया। वहीं, अक्तूबर 2021 तक बारिश होने के कारण एक बार फिर गंगाजल तय लक्ष्य पर नहीं मिल सका। बारिश के कारण काम रुका रहा। हाल ही में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के नीचे से पाइपलाइन को क्रॉस कराने में भी दिक्कत आई। कुछ समय के लिए फिर से काम बाधित हो गया। हालांकि एनएचएआई की सहमति से प्राधिकरण ने ट्रंचलेस विधि से काम करके पाइपलाइन को एक्सप्रेसवे पार कराने पर फिर काम शुरू किया.