
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने राजधानी में हरित परिवहन को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति को तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ऑटो-रिक्शा या किसी भी वाहन वर्ग पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है।
वाहनों पर नहीं लगेगा कोई प्रतिबंध
परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने बताया कि नई नीति के तहत किसी भी प्रकार के ऑटो-रिक्शा या अन्य वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा, “ऐसी कोई योजना नहीं है। मौजूदा ईवी नीति अगले तीन से चार महीने तक लागू रहेगी।”
बिजली सब्सिडी में राहत जारी
सरकार ने बिजली सब्सिडी को भी चार प्रमुख समूहों के लिए आगे बढ़ा दिया है:
- घरेलू उपभोक्ता
- किसान
- चेंबर वाले वकील
- 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ित
गृह मंत्री आशीष सूद ने प्रेस वार्ता में कहा, “कैबिनेट ने इस पर विशेष प्रस्ताव को मंजूरी दी है। बिजली सब्सिडी में कोई रुकावट नहीं आएगी।”
क्या है ईवी नीति?
अगस्त 2020 में तत्कालीन आप सरकार द्वारा शुरू की गई इस नीति का उद्देश्य दिल्ली में प्रदूषण कम करना और 2024 तक नए पंजीकृत वाहनों में 25% इलेक्ट्रिक वाहन सुनिश्चित करना था। यह नीति अगस्त 2023 में समाप्त हो गई थी, लेकिन इसे कई बार बढ़ाया गया है। अब नई ईवी नीति 2.0 लाने की तैयारी है, जो अधिक वाहन श्रेणियों को कवर करेगी—जैसे दोपहिया वाहन, बसें, मालवाहक वाहन और तिपहिए।
ड्राफ्ट नीति के मुख्य बिंदु:
- महिलाओं को इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन खरीदने पर ₹36,000 तक की सब्सिडी
- ई-दोपहिया वाहनों पर प्रति किलोवाट ₹10,000 की प्रोत्साहन राशि, अधिकतम ₹30,000
- ईवी इकोसिस्टम के तहत 20,000 नौकरियां सृजित करने का लक्ष्य
- पूरे शहर में चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों की स्थापना
- बैटरी रीसायक्लिंग के लिए संग्रह केंद्रों की स्थापना
नई नीति को कैबिनेट की औपचारिक मंजूरी के बाद अधिसूचित किया जाएगा। इसका उद्देश्य राजधानी में वायु प्रदूषण को तेजी से कम करना है, ताकि पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों की जगह स्वच्छ इलेक्ट्रिक वाहन ले सकें।