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ब्रिक्स रियो शिखर सम्मेलन 2025: भारत के लिए अहम रहे ये 5 प्रमुख बिंदु

रियो डी जनेरियो — 11 सदस्यीय BRICS समूह (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका सहित छह नए सदस्य) ने ब्राज़ील के रियो डी जनेरियो में अपने वार्षिक शिखर सम्मेलन में वैश्विक सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और शासन को लेकर कई अहम घोषणाएं कीं। भारत के दृष्टिकोण से यह सम्मेलन बेहद महत्वपूर्ण रहा, जिसमें आतंकवाद, संयुक्त राष्ट्र सुधार और वैश्विक दक्षिण की भूमिका जैसे प्रमुख मुद्दों को प्राथमिकता मिली।

यहां पेश हैं BRICS रियो शिखर सम्मेलन 2025 के पांच प्रमुख बिंदु, जो भारत सहित अन्य विकासशील देशों के लिए निर्णायक माने जा रहे हैं:


1. पहलगाम आतंकी हमले की सबसे कड़ी निंदा

BRICS देशों ने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की “सबसे सख्त शब्दों” में निंदा की, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे।
घोषणा-पत्र में कहा गया:
“हम आतंकवाद के सभी रूपों और उसकी अभिव्यक्तियों की निंदा करते हैं, जिनमें सीमा पार आतंकवाद, आतंकी फंडिंग और पनाहगाह शामिल हैं।”
यह भारत की आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की मांग को मजबूती देता है।


2. UNSC में व्यापक सुधार की मांग

भारत की पहल पर BRICS घोषणा-पत्र में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में “समग्र सुधार” की खुली वकालत की गई।
चीन और रूस ने भारत और ब्राज़ील की UNSC में भूमिका बढ़ाने की आकांक्षाओं का समर्थन दोहराया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा:
“दो-तिहाई मानवता को आज भी 20वीं सदी की संस्थाओं में समुचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। यह स्थिति बदली जानी चाहिए।”


3. वैश्विक दक्षिण को मिला समर्थन

घोषणा-पत्र में “Global South” की आवाज़ को मजबूत करने और उसे वैश्विक निर्णय-निर्माण में प्रमुख भूमिका देने की बात कही गई।
यह भारत की “वैश्विक दक्षिण का नेतृत्वकर्ता” बनने की रणनीति के अनुरूप है।
ब्रिक्स नेताओं ने कहा, “सुधारित UNSC में विकासशील देशों की भागीदारी से उसकी प्रासंगिकता और न्यायप्रियता बढ़ेगी।”


4. ईरान और गाजा पर BRICS की चिंता

BRICS ने 13 जून के बाद ईरान पर हुए सैन्य हमलों की निंदा की और गाज़ा में “लगातार हो रहे इजरायली हमलों”, मानवीय सहायता में बाधा और भूख को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने पर गहरी चिंता जताई।
हालांकि इस बार इजरायल का नाम स्पष्ट रूप से नहीं लिया गया, पर संदेश साफ था — सैन्य कार्रवाइयों और परमाणु स्थलों पर हमले अस्वीकार्य हैं।


5. एकतरफा प्रतिबंधों और टैरिफ की आलोचना

घोषणा में विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के खिलाफ लगाए जा रहे टैरिफ और गैर-टैरिफ प्रतिबंधों को अनुचित ठहराया गया।
यह अमेरिका की नीतियों की अप्रत्यक्ष आलोचना थी, खासकर जब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने BRICS को “अमेरिका विरोधी” बताकर 10% अतिरिक्त टैरिफ की धमकी दी।


निष्कर्ष

BRICS रियो शिखर सम्मेलन 2025 भारत के लिए रणनीतिक रूप से लाभकारी रहा। आतंकवाद पर साझा रुख, UNSC सुधार के लिए स्पष्ट समर्थन और वैश्विक दक्षिण को केंद्र में रखने की प्रतिबद्धता भारत की विदेश नीति को वैश्विक मंचों पर और अधिक मजबूती प्रदान करती है। प्रधानमंत्री मोदी की यह बात पूरी BRICS भावना को प्रतिबिंबित करती है:
“जो देश आतंकवाद को समर्थन देते हैं, उन्हें उसकी कीमत चुकानी होगी।”

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