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दिल्ली में 27 साल बाद बीजेपी की वापसी: जातीय संतुलन के साथ बनाई गई रेखा गुप्ता की कैबिनेट

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 27 साल बाद दिल्ली में सत्ता में वापसी की है और इस बार मुख्यमंत्री एवं छह अन्य मंत्रियों की नियुक्ति में जातीय और सामुदायिक संतुलन का खास ध्यान रखा गया है।

रेखा गुप्ता, जो व्यापारी समुदाय से आती हैं, को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने महिला सशक्तिकरण और एक प्रभावशाली समुदाय को साधने की रणनीति अपनाई है। उनके साथ बनाई गई कैबिनेट में जाट, सिख, दलित, पंजाबी और दो पूर्वांचली (एक ब्राह्मण और एक ठाकुर) नेताओं को शामिल किया गया है। यह रणनीति बीजेपी के मुख्य प्रतिद्वंदी आम आदमी पार्टी (AAP) को चुनौती देने की दिशा में भी उठाया गया कदम है।

कैबिनेट में संतुलन और वरिष्ठ नेताओं की भूमिका

बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं विजेंद्र गुप्ता और मोहन सिंह बिष्ट को विधानसभा का स्पीकर और डिप्टी स्पीकर बनाए जाने की अटकलें हैं। इसके अलावा, पार्टी मुख्य सचेतक (Chief Whip) पद को लेकर भी फैसला लेगी।

रेखा गुप्ता की कैबिनेट में शामिल मंत्री और उनकी जातीय पृष्ठभूमि

1. प्रवेश वर्मा (जाट समुदाय)

2. आशीष सूद (पंजाबी समुदाय)

3. मनजिंदर सिंह सिरसा (सिख समुदाय)

4. रविंद्र इंद्राज सिंह (दलित समुदाय)

5. कपिल मिश्रा (ब्राह्मण समुदाय, पूर्वांचल प्रतिनिधित्व)

6. पंकज कुमार सिंह (ठाकुर समुदाय, पूर्वांचल प्रतिनिधित्व)

बीजेपी की रणनीति: जातीय और क्षेत्रीय संतुलन के साथ दिल्ली पर पकड़ मजबूत करने की कोशिश

इस कैबिनेट गठन के जरिए बीजेपी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह दिल्ली के हर प्रमुख समुदाय को प्रतिनिधित्व देना चाहती हैव्यापारी वर्ग, जाट, सिख, दलित, पंजाबी और पूर्वांचल के वोटर्स को जोड़कर पार्टी ने दिल्ली की राजनीति में अपनी स्थिति को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाया है।

👉 क्या बीजेपी की यह रणनीति सफल होगी या नहीं, यह आने वाले दिनों में साफ होगा।

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