
दिल्ली विधानसभा चुनावों में बीजेपी की 48 सीटों की जीत के बाद यह सवाल उठ रहा था कि पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा कौन होगा। मनोज तिवारी और प्रवेश वर्मा जैसे कई बड़े नेताओं का नाम चर्चा में था, लेकिन अंततः पार्टी ने रेखा गुप्ता को चुना। यह फैसला सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर उत्तर भारत और पश्चिम बंगाल की राजनीति पर भी पड़ेगा।
1. महिला नेतृत्व को प्राथमिकता
रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया है। वह दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनी हैं। इससे पहले सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी यह पद संभाल चुकी हैं। यह कदम टीएमसी के उस दावे को चुनौती देता है कि पश्चिम बंगाल ही एकमात्र राज्य है जहां महिला मुख्यमंत्री हैं। अब भारत में दो महिला मुख्यमंत्री हैं – एक दिल्ली में और दूसरी पश्चिम बंगाल में।
2. वैश्य और व्यापारी समुदाय को साधने की रणनीति
रेखा गुप्ता का संबंध वैश्य समुदाय से है, जो दिल्ली में करीब 8% वोट बैंक का प्रतिनिधित्व करता है। अरविंद केजरीवाल भी इसी समुदाय से आते हैं, ऐसे में बीजेपी ने इस वर्ग को साधने के लिए यह फैसला लिया है। दिल्ली की करीब 30% आबादी व्यापार से जुड़ी हुई है, जिससे बीजेपी को सीधा फायदा मिलेगा।
3. बिहार चुनाव को ध्यान में रखकर फैसला
इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं, जहां ओबीसी (OBC) वोटर्स की संख्या 63% है। पारंपरिक रूप से यह वोट बैंक राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पक्ष में जाता है। दिल्ली में एक ओबीसी नेता को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी बिहार में भी इस समुदाय को साधने की कोशिश कर रही है, जिससे वह आरजेडी के प्रभाव को कम कर सके।
4. उत्तर प्रदेश में प्रभाव बढ़ाने की योजना
बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश में भी ओबीसी वोटर्स की संख्या 52% है। इनमें 43% गैर-यादव ओबीसी समुदाय के लोग हैं, जो आमतौर पर समाजवादी पार्टी (SP) का समर्थन करते रहे हैं। दिल्ली में एक ओबीसी मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी इस समुदाय को अपने पक्ष में लाने का प्रयास कर रही है, जिससे समाजवादी पार्टी को कमजोर किया जा सके।
5. मजबूत आरएसएस (RSS) कनेक्शन
रेखा गुप्ता का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से तीन दशक पुराना जुड़ाव है। वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की 1996-97 में अध्यक्ष रह चुकी हैं और ABVP में भी सक्रिय भूमिका निभाई है। बाद में, उन्होंने दिल्ली बीजेपी महिला मोर्चा की महासचिव और बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य के रूप में भी काम किया। उनका संघ से जुड़ाव बीजेपी के वैचारिक आधार को मजबूत करता है।
6. राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा राजनीतिक संदेश
बीजेपी ने यह फैसला सिर्फ दिल्ली के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में अपनी छवि मजबूत करने के लिए लिया है। पार्टी खुद को महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने वाली पार्टी के रूप में पेश कर रही है, जिससे देशभर में महिलाओं के बीच उसकी स्वीकार्यता बढ़ेगी।
निष्कर्ष
रेखा गुप्ता को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने महिला सशक्तिकरण, वैश्य समुदाय, बिहार-यूपी चुनाव, आरएसएस कनेक्शन और राष्ट्रीय राजनीति को साधने की कोशिश की है। यह सिर्फ एक मुख्यमंत्री की नियुक्ति नहीं, बल्कि एक राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है, जिससे बीजेपी को लंबी अवधि में बड़ा फायदा मिल सकता है।