नवरात्रि में सातवें दिन महासप्तमी पड़ती है। इस दिन मां दुर्गा की सातवीं शक्ति मां कालरात्रि की पूजा का विधान है। मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने के लिए जानी जाती हैं, इसलिए इनका नाम कालरात्रि है। साथ ही ये देवी अपने भक्तों को सदैव शुभ फल प्रदान करती हैं। इस कारण इन्हें शुभंकरी भी कहा जाता है। मां दुर्गा की सातवीं स्वरूप मां कालरात्रि तीन नेत्रों वाली देवी हैं। मां कालरात्रि की पूजा-आराधना से भय और रोग का नाश होता है। साथ ही भूत प्रेत, अकाल मृत्यु, रोग, शोक आदि सभी प्रकार की परेशानियां भी समाप्त हो जाती हैं। नवरात्रि में सप्तमी की रात्रि सिद्धियों की रात कही जाती है। इस दिन देवी की पूजा से रोग का नाश होता है और शत्रुओं पर विजय मिलती है। ऐसे में ग्रह बाधा और भय दूर करने वाली माता की पूजा नवरात्रि के सातवें दिन जरूर करनी चाहिए।