बिहार के वेतिया मे एक ऐसा परिवार देखने को मिला है। जंहा दूसरी बार भी बेटी पैदा होने पर उतना ही जश्न मनाया गया है जितना की लोग बेटे के होने पर करते है। नन्ही पारी के आने की ख़ुशी सुनते ही सभी घरवाले ख़ुशी से झूमने लगे है। मासूम के पिता ने किराये पर कार ली और उसे सजवाया फिर हॉस्पिटल गए बच्ची और उसकी माँ को लेने। उन्होंने बेटी के होने की ख़ुशी मे पुरे हॉस्पिटल मे मिठाई बाटी और खुसिया मनाई। साथ ही बच्ची के स्वागत के लिए घर के बड़े बुजुर्गो ने भी तैयारियां की। बेटी के पिता ने बताया की उनके लिए बेटी और बीटा दोनों शामे है. आज के दौर मे ऐसा कोई कार्य नहीं है। जो बेटिया नहीं कर सकती है। इसलिए उन्हें बेटे और बेटी मे कोई अंतर नहीं लगता। वह बेहद खुश है की उनकी दो बेटीया है।