पाकिस्तान सरकार ने भारत से करतारपुर कॉरिडोर को फिर से खोलने और 17 से 26 नवंबर तक गुरु नानक देव की जयंती समारोह के अवसर पर तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान में प्रवेश करने की अनुमति देने का आह्वान किया है।
करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन की दूसरी वर्षगांठ पर पाकिस्तान ने आशा व्यक्त की है कि भारत तीर्थयात्रियों को सहयोग की भावना से कॉरिडोर से यात्रा करने की अनुमति देगा। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि आने वाली गुरु नानक की जयंती पर 17-26 नवंबर तक होने वाले समारोह में हम भारत और दुनिया भर के भक्तों की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं।
बयान में कहा गया है पिछले दो वर्षों में गलियारे ने न केवल दुनिया भर के सिख समुदाय की श्रद्धेय स्थल तक आसान पहुंच की इच्छा को पूरा किया है बल्कि यह उस श्रेष्ठता को भी दर्शाता है जो पाकिस्तान में सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों को देता है। कॉरिडोर ने अंतर-धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए नए रास्ते खोले हैं।
बयान में यह भी याद दिलाया गया है कि करतारपुर कॉरिडोर को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने फरवरी 2020 में करतारपुर साहिब की अपनी यात्रा के दौरान आशा का गलियारा के रूप में वर्णित किया था। पाकिस्तान ने दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय यात्राओं और देश में सभी धार्मिक स्थलों को खोलने के बावजूद गलियारा खोलने से परहेज करने के लिए भारत की आलोचना भी की है।
महामारी के कारण अस्थायी रूप से बंद होने के बाद कोविड संबंधित प्रोटोकॉल के तहत 29 जून, 2020 को करतारपुर कॉरिडोर को फिर से खोल दिया गया था। भारत की ओर से पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय यात्रा को फिर से शुरू करने, देश में सभी धार्मिक स्थलों को खोलने और सिख समुदाय द्वारा बार-बार आह्वान करने के बावजूद अपनी तरफ से गलियारा खोलना और तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब जाने की अनुमति देना अभी भी बाकी है। बयान में कहा गया है दो साल पहले इसी दिन प्रधानमंत्री इमरान खान ने बाबा गुरु नानक की 550वीं जयंती के अवसर पर करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया था।
विवरण के अनुसार पाकिस्तान दुनिया भर से कम से कम 3,000 भक्तों को गुरु नानक की आगामी जयंती समारोह में भाग लेने की अनुमति देने के लिए तैयार है और वह भारत से भी उसके इस प्रस्ताव को लेकर सहयोग की उम्मीद कर रहा है।