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सड़कें बंद-कहां ले जाएं शव: बारिश धीमी होने के इंतजार में मारे गए दोस्त

अगर कुछ देर के लिए बारिश रुकती या हल्की हो जाती तो मेरे पांच दोस्तों की जान बच जाती। तेज बारिश को देखते हुए हमने दूसरे टीन शेड में जाने का निर्णय लिया था। बारिश इतनी तेज थी कि झोपड़ी से निकलने का मौका ही नहीं मिला। बारिश धीमी होने के इंतजार में सब वहीं सो गए फिर एक धमाके के साथ पूरी दीवार ढ़ह गई और हम सब उसमें दब गए।

हादसे में जिंदा बचे बीस साल के युवक काशीराम इसके बाद बदहवास हो गया। वह अपने साथियों के साथ बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले से नैनीताल में मजदूरी करने आया था। इस हादसे में पांच मजदूरों की असामयिक मौत हो गई। जबकि एक मजदूर किसी तरह जान बचाने में कामयाब हुआ।

सड़कें बंद, कहां ले जाएं शव

मजदूरों की दर्दनाक मौत के बाद उनके शव मोर्चरी तक पहुंचना भी चुनौती बन गया। बारिश जारी थी, और मलबा गिरने में था। ऐसे में पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से शव तो बरामद कर लिए, लेकिन उन्हें भेजा नहीं जा सका। जिसके बाद पुलिस कर्मियों ने किसी तरह यहां से शव किनारे किए।

बागेश्वर से दिल्ली जा रहे 50 से अधिक यात्री फंसे

फरसौली रोडवेज कार्यशाला में बीती रात से बागेश्वर से दिल्ली जा रहे 50 से अधिक यात्री फंसे हैं। यात्रियों की परेशानी देखते हए रोडवेज कर्मियों ने परिसर में ही बनाकर भोजन करवाया।